भारतीय अधिकारियों का मानना है कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का केस नीरव मोदी के मामले में एक नमूना साबित होगा। सरकार उसे प्रत्यर्पित करके भारत लाने की कोशिश कर रही है। मंगलवार को ही उसे लंदन में गिरफ्तार किया गया है। बुधवार को कोर्ट के सामने उसकी पेशी हुई थी। जहां से उसे 29 मार्च तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है। भारत सरकार ने मेट्रोपोलिटन पुलिस द्वारा नीरव मोदी की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया हुआ है।
एक सूत्र ने कहा, ‘विजय माल्या प्रकरण के बाद भारत के पास ऐसे मामलों से निपटने के लिए एक व्यवस्था तैयार हो गई है। भारतीय पक्ष ब्रिटेन की न्यायपालिका की भारतीय जेल की परिस्थितियों को लेकर जारी चिंताओं को दूर करने में भी सक्षम है। इसके जरिए नीरव मोदी के प्रत्यर्पण करने में आसानी होगी।’
पिछले महीने ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जाविद ने माल्या को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। शराब कारोबारी भारत में हजारों करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में फरार है। उसने इस निर्णय के खिलाफ अपील दायर की है।
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नीरव मोदी के मामले में कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘प्रत्यर्पण के अनुरोध की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। भारत की तरफ से कोई भी देरी नहीं हुई है। भारत सरकार नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के लिए प्रतिबद्ध है।’
वहीं नीरव के पास से तीन पासपोर्ट मिले हैं। लंदन पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जब उसे शहर के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, तब उसके पास तीन पासपोर्ट होने का पता चला। भारतीय एजेंसियों ने हीरा कारोबारी का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। उसके पास जो पासपोर्ट हैं, उसमें एक अब मेट्रोपोलिटन पुलिस के पास है और दूसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के गृह विभाग के पास है। तीसरा पासपोर्ट ब्रिटेन के ड्राइविंग एंड व्हीकल लाइसेंसिंग आथॉरिटी के पास है।