स्वीडिश कंपनी एरिक्सन के साथ बकाया विवाद में 550 करोड़ रुपये चुकाने के लिए आरकॉम समूह के मालिक अनिल अंबानी ने कोशिशें शुरू कर दी हैं। उन्होंने बैंकों में जमा आयकर रिफंड और रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (आरनाम) में हिस्सेदारी बेचकर यह रकम जुटाने की योजना बनाई है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बैंकों को पत्र लिखकर आयकर रिफंड के रूप में जमा 260 करोड़ रुपये सीधे स्वीडिश टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन को भुगतान करने को कहा है। समूह की ओर से 118 करोड़ रुपये पहले ही सुप्रीम कोर्ट में जमा करा दिए गए थे।
बाकी बचे 172 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अनिल अंबानी ने आरनाम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए वेंचर में शामिल जापानी कंपनी को पेशकश की है। यह कवायद पैसे न चुकाने पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन महीने जेल की सजा से बचने के लिए की जा रही है।
बाकी बचे 172 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अनिल अंबानी ने आरनाम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए वेंचर में शामिल जापानी कंपनी को पेशकश की है। यह कवायद पैसे न चुकाने पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन महीने जेल की सजा से बचने के लिए की जा रही है।
पहली सूचीबद्ध म्यूचुअल फंड कंपनी है आरनाम
जापान की निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के साथ संयुक्त भागीदारी वाली आरनाम देश की पहली सूचीबद्घ म्यूचुअल फंड कंपनी है। आरनाम में जापानी कंपनी की 42.88 फीसदी जबकि रिलायंस की 42.9 फीसदी हिस्सेदारी है। अनिल अंबानी ने कंपनी की पूरी हिस्सेदारी निप्पॉन को बेचने की पेशकश की है। इसके अलावा रिलायंस पावर में भी 30 फीसदी हिसेदारी बेचने की घोषणा की है।