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सात वर्षो मे विकसित नही हो पाया ऑक्सीजन जोन

0 शुद्ध हवा पाने के लिए लाखों फूंके हजारो पौधा रोपे गये थे
0 कीड़े व पानी की कमी से 95 फीसदी पौधे सूखे
0 सिर्फ झाड़ियां ही बची रोपे गये 15 हजार पौधो

कवर्धा – वायु प्रदुषण तो रुक नही रहा दिनो दिनो धुल भरी हवाएं चल रही है वायु मे कई प्रकार के रसायन घुले मिले हुए है। आने वाले समय मे आक्सीजन की कमी होना तय है। वायु अशुद्ध होने की अंदेशा से आमजन के स्वस्थ्य का ख्याल रखते हुए उन्हे शुद्ध व ताजी हवा मिले इसके लिए शासन की ओर से कवर्धा मे अच्छी पहल की गयी थी, नगरवासी यहां बैठकर शुद्ध ताजी हवा ले सके इसके लिए 2011 – 12 मे सरोदा मे ऑक्सीजन जोन को विकसित करने का प्रयास किया गया था।


7 साल पहले वन विभाग ने सरोदा रोड किनारे 10 हेक्टेयर जमीन पर ऑक्सीजन जोन विकसित किया था। यहां पीपल के 220 और बरगद के 220 पौधे रोपे गए थे, इसके अलावा अन्य प्रजाति के के पौधे भी लगाये गये थे लेकिन कीड़े व पानी की कमी से 95 फीसदी पौधे सूख चुके हैं। प्रकृति को नजदीक से देखने और घूमने आने वाले के लिए सडके बनाई गई थी, वे भी जगह-जगह से उखड़ गये हैं। ऑक्सीजन जोन की शुरुवात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह द्वारा लगाया पौधा भी सुख गया है जिसको विभाग बचा नही पाए।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गांरटी के जरिए ऑक्सीजन परिसर में 2,000 से ज्यादा पौधे रोपे गए थे। इस स्थान पर सिर्फ कुछ झाडियां और सूखे पेड़ नजर आ रहे हैं। मनरेगा योजना के तहत ऑक्सीजन जोन में पौधारोपण किया गया था। पौधे रोपने के लिए गढ्ढो की खोदाई का काम मनरेगा मजदूरो ने किया। पौधे के लिए प्रति गढ्ढा खोदाई पर करीब 10 रूपए खर्च किए गए। पौधेरोपण के लिए सिर्फ गड्ढे खोदने मे मजदूरों को भुगतान किया गया है। 15 हजार पौधे रोपने के लिए गड्ढे खोदे गये आज स्थिती यह है कि सिर्फ जंगली झाडियां ही नजर आ रही है।

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