0 समाज मे आक्रोष
0 अध्यक्ष पद के लिए आदिवासी सीट आरक्षित करने की मांग
कवर्धा – नगरीय निकाय चुनाव के लिए हलचल तेज हो गयी है वहीं जिले के किसी भी नगरीय निकाय चुनाव मे अध्यक्ष पद अनुसुचित जनजाति वर्ग के लोगो के लिए एक भी पद आरक्षित नही जिससे समाज मे रोष व्याप्त। आरक्षण में बरती गई भेदभाव जिले के पांच नगर पंचायत एवं एक नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर असंतोष पनप रही है। जिले में आदिवासी समाज की बहुलता है अन्य जातियों से इनकी जनसंख्या औसत अधिक है, इसके बाद भी जिले के सभी नगरीय निकायों में अध्यक्ष पद के लिए अनुसुचित जनजाति वर्ग हेतु आरक्षित नही होना समाज उत्थान के लिए बाधक होगी। सरकार एक ओर अनुसुचित जनजाति के विकास लिए अनेक रोजगार मूलक वा लोक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की है जिनसे ये अन्य लोगों के बराबर विकसित हो सके। इस आरक्षण नीति का विरोध करते हुए कबीरधाम जिला के आदिवासी समाज अध्यक्ष व संरक्षक योगेश्वर राज सिहं ने कड़े शब्दो में कहा है कि यह आरक्षण नीति गलत है जिसमें जिला के दोनों विधान सभा में आदिवासियों की जनसंख्या अधिक हंै इस आरक्षण के कारण जिले के आदिवासियों को हासिएं में रखा जा रहा है समाज के संरक्षक होने के नाते नगरीय निकाय में अध्यक्ष पद के लिए किये गए आरक्षण में अनुसुचित जनजाति वर्ग को स्थान नही दिए जाने का विरोध करते हुए कवर्धा जिला में पुनः आरक्षण निर्धारित किया जाने का मांग करता हूं।
जिले के अंतर्गत नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के आरक्षण की स्थिति
नगर पंचायत का नाम – अनारक्षित
नगर पंचायत पंडरिया – अनु. जाति(महिला)
नगर पंचायत पांडातराई – अनारक्षित
नगर पंचायत बोड़ला – अन्य पिछड़ा वर्ग
नगर पंचायत सहसपुर लोहारा – अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला)
नगर पंचायत पिपरिया – अनारक्षित