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लॉक-डाउन में पार्सल ट्रेन चलाना हुआ बड़ा मुश्किल, रेलवे प्रबंधन लिया यह फैसला

अंबिकापुर। लॉकडाउन के दौरान रेलवे प्रशासन द्वारा अंबिकापुर-दुर्ग और दुर्ग-अंबिकापुर के बीच 8 अप्रैल से शुरू की गई विशेष पार्सल ट्रेन सेवा घाटे का सौदा साबित हुई और इसे अचानक बंद कर दिया गया। जनसामान्य की जरूरत के हिसाब से किराना, दवा एवं चिकित्सा उपकरण लाने और ले जाने के लिए यह ट्रेन शुरू की गई थी लेकिन लोगों ने इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। कम संख्या में पार्सल की बुकिंग होने के कारण रेलवे को यह ट्रेन चलाने में नुकसान उठाना पड़ रहा था, लिहाजा करीब डेढ़ महीने के बाद 25 मई से पार्सल ट्रेन सेवा बंद कर दी गई।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के दौरान आवागमन के साधन बंद कर दिए जाने से लोगों को जरूरी सामान के लिए परेशानी उठानी पड़ रही थी। खासकर खाद्य सामग्री, चिकित्सा सहित अन्य चीजों के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा था। इसे देखते हुए रेलवे प्रबंधन ने बिलासपुर से तीन पार्सल ट्रेनों का संचालन शुरू किया। इसमें अंबिकापुर से दुर्ग और दुर्ग से अंबिकापुर के बीच शुरू हुई ट्रेन सेवा से लोगों को जरूरी सामान, दवाइयां, चिकित्सा उपकरण सहित अन्य चीजों को मंगाने के लिए सुविधा हो गई थी।

अंबिकापुर के लोग बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग से इस ट्रेन के जरिए पार्सल बुक करके सामान दूसरे दिन मंगा लेते थे। इनका संचालन अंबिकापुर से हर हफ्ते मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को होता था। जबकि दुर्ग की ओर से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को। आठ अप्रैल से इस सेवा की शुरुआत हुई थी और आखिरी बार 25 मई को अंबिकापुर से विशेष पार्सल ट्रेन रवाना हुई और इसके बाद इसे बंद कर दिया गया। रेलवे सूत्रों के मुताबिक जिस हिसाब से यह पार्सल ट्रेन चलाई गई थी उस हिसाब से बुकिंग नहीं मिल पा रही थी। गिने-चुने सामानों की बुकिंग हो पाती थी। इस कारण से इसे चलाने में रेलवे प्रबंधन को नुकसान उठाना पड़ रहा था।

अंबिकापुर से पूरी तरह खाली जाती थी ट्रेन

अंबिकापुर-दुर्ग और दुर्ग-अंबिकापुर के बीच चलने वाली विशेष पार्सल ट्रेन में दुर्ग की ओर से या बिलासपुर, रायपुर की तरफ से कुछ व्यापारी या दुकानदार सामान बुक कराते थे। यह मात्रा बमुश्किल 10 से 12 क्विंटल ही हो पाती थी। दो बोगी वाले पार्सल ट्रेन के संचालन के हिसाब से यह घाटे का सौदा साबित हो रही थी।

अंबिकापुर की ओर से जब यह ट्रेन रवाना होती थी तो एक भी पार्सल इधर से बुक नही होता था। यह सिलसिला लगातार पिछले डेढ़ महीनों से चल रहा था और अंबिकापुर की ओर से एक भी पार्सल बुकिंग सेवा नहीं मिल पाई। लंबे समय से नुकसान उठा रहे रेलवे प्रबंधन ने इसे बंद करने का ही निर्णय लिया और डेढ़ महीने के बाद विशेष पार्सल ट्रेन सेवा 25 मई को बंद कर दी गई।

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