चंडीगढ़। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी गुरमीत राम रहीम सहित अन्य को आज पंचकूला की सीबीआई कोर्ट सजा सुनाएगी। न्यायपालिका के इतिहास में पहला मौका होगा जब अपराधियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाई जाएगी। हरियाणा सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को यह फैसला दिया है।
सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पुलिस एक बार फिर से अलर्ट हो गई है। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के निर्देशों के बाद रोहतक व अंबाला में जेलों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। जिस समय राम रहीम व अन्य अपराधियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई जाएगी उस समय अन्य कैदियों को उनकी बैरकों में बंद रखा जाएगा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय सिरसा में भी डेरा की तरफ जाने वाले सभी रास्तों की नाकाबंदी कर दी गई है। सुरक्षा की दृष्टि से सिरसा व फतेहाबाद जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। उधर पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी करके सील कर दिया गया है। एडीजीपी आपरेशन एएस चावला के अनुसार सभी संवेदनशील जिलों में पुलिस मुस्तैद है।
राम रहीम को उम्रकैद या फांसी, फैसला आज
साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ना तय है। राम रहीम व अन्य दोषियों के विरुद्ध जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, उनमें आजीवन कारावास या अधिकतम फांसी की सजा हो सकती है। निर्मल सिंह व कुलदीप सिंह को धारा 302 व 120-बी के तहत दोषी करार दिया गया है, जबकि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व कृष्ण लाल को धारा 120-बी व 302 के तहत। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट की धारा 25 व कुलदीप सिंह को आर्म्स एक्ट की धारा 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है।
साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम व तीन अन्य को सीबीआई की अदालत ने 11 जनवरी को दोषी करार दिया था। इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत व अंबाला जेल में बंद अन्य दोषी कृष्ण लाल, निर्मल सिंह व कुलदीप सिंह को 17 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।
नियमानुसार किसी भी अपराधी को सजा सुनाते समय जज व अपराधी का आमने-सामने होना अनिवार्य है, लेकिन हरियाणा सरकार की तरफ से पंचकूला के जिला अटार्नी ने सीबीआई कोर्ट में याचिका दायर कर कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इस प्रक्रिया में बदलाव की गुहार लगाई थी।
सुनवाई के दौरान जिला अटार्नी ने कहा कि चारों अपराधियों को सजा सुनाते समय पंचकूला पेश करने में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। अंबाला जेल में बंद तीन अपराधियों को अगर रोहतक लेकर जाते हैं तो वह भी जोखिम भरा कार्य है।
सरकार ने 27 अगस्त 2017 को हुई हिंसा का हवाला देते हुए सभी अपराधियों को उन्हीं की जेलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही सजा सुनाने की अपील की, जिसे सीबीआई कोर्ट ने स्वीकार करते हुए कहा कि 17 जनवरी को सभी अपराधियों को उन्हीं की जेलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई जाएगी। इसके लिए अंबाला व रोहतक जेलों में प्रबंध करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।