कांकेर. नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी को खत्म करने के लिए बस्तर पुलिस “ऑपरेशन घर वापसी” चला रही है. कांकेर जिले के माओवादियों के प्रियजनों के घर जाकर पुलिस कैलेंडर बांट रही है. इस कैलेंडर में बस्तर पुलिस के आला अफसरों के नाम और मोबाइल फोन नंबर दिया गया है. किसी भी माध्यम से माओवादी पुलिस के सामने सरेंडर कर सकते हैं. इसके साथ ही नक्सलियों को सरेंडर करने पर दी जाने वाली इनाम की जानकारी दी गई है.
गौरतलब है कि कांकेर जिले में बड़ी संख्या में नक्सली संगठन में शामिल माओवादियों को सरेंडर करने के लिए पुलिस अलग अलग प्रयास कर रही है. ये माओवादी छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हैं और आए दिन सुरक्षा बलों से होने वाली मुठभेड़ से जान बचाने जंगलों में भटक रहे हैं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आत्मसम्मान की जीवन दिलाने के लिए पुलिस-प्रशासन हमेशा से तत्पर रहा है. साथ ही सरकार द्वारा घोषित इनाम इनके परिवार के सदस्यों को दी जाएगी. सरेंडर हथियार के बदले भी इन्हें अलग से राशि दी जाएगी.
एएसपी ने मुख्यधारा से भटके लोगों से अपील कर कहा है कि माओवादी प्रशासन के समक्ष खुद को समर्पित करें और अपने परिवार को मानसम्मान के साथ जीवन जीने में सहयोग करें. पुलिस-प्रशासन उन्हें हर संभव सहायता करेगी. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माओवादियों के लिए बनाई गई सरेंडर नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि इसके लाभ के बारे में नक्सली समझ सकें.
कांकेर पुलिस अब नई रणनीति के तहत काम कर रही है. जंगल में हथियार लेकर भटक रहे नक्सलियों को हिंसा का राह छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से जीवन जीने के लिए कैलेंडर देकर सरेंडर करने की अपील कर रही है.
एएसपी ने कहा कि माओवादी जंगल में आखिर कब तक भटकते रहेंगे. तुम्हारी आधी जिंदगी जंगल में और जेल में बीत जाएगी या पुलिस की गोली से जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है. इसलिए बेहतर है कि समर्पण कर शासकीय योजनाओं का लाभ लें और अपने परिवार को सम्मानजनक जीवन जीने में सहयोग करें. नक्सली हिंसा से कभी किसी को लाभ नहीं पहुंचा है. मैं हिंसा के मार्ग पर गए सभी लोगों से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी को छोड़कर राष्ट्र की मुख्यधारा में जुड़ने का आग्रह करता हूं.