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शराब के मसले पर अजीत जोगी हुए भावुक, कहा- यदि छत्तीसगढ़ को सच मे बचाना है तो शराबबंदी कीजिये

रायपुर। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बेहद गंभीरता से शराब का मसला उठाया. उन्होंने शराब को प्रदेश की बर्बादी की वजह बताई और सरकार से शराबबंदी का वादा पूरा करने के लिए कहा. जोगी ने शराब की लत से बर्बाद होते परिवारों का उदाहरण सदन के सामने रखा. जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत का सबसे धनवान प्रदेश है, लेकिन यहां का व्यक्ति इसलिए गरीब है क्योंकि शराब ने उन्हें बर्बाद कर दिया है. न जाने कितनी बहने विधवा हो गई, कितने बच्चे अनाथ हो गए. आपने अपने घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी के वादा किया है. स्कूल में मेरे साथ पढ़ते थे मेरे एक मित्र दयाल सिंह..दो सौ एकड़ जमीन थी. अपने ही कुए में शराब पीकर गिरकर मर गए. उनकी पत्नी को रेजा का काम कर अपने बच्चे को पालना पड़ा. 200 एकड़ का किसान शराब की लत से भूमिहीन बन सकता है.

जोगी ने आगे कहा कि तखतपुर से मैं गुजर रहा था मैंने देखा कि 10-12 साल का छोटा लड़का शराब पी रहा था. हमारे प्रदेश में 10 साल का बच्चा शराब पी रहा है. जोगी ने अपने शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 2003 में हमने सरकार छोड़ी, उसके बाद 15 साल बीजेपी का शासन चला. 15 सालों में राज्य में शराब की खपत 15 गुना बढ़ गई. मैं इसे छत्तीसगढ़ वासियों के खिलाफ साजिश मानता हूं. निज स्वार्थ ये चाहता है कि छत्तीसगढ़ शराब में डूबा रहे. ये पीकर मस्त रहे हम उनका सोना ले जाये, हीरा ले जाये, खनिज ले जाये…हम कुछ नहीं कह पाते, आंदोलन नहीं कर पाते. आज कम से कम मुझे बोलने के लिए आपने मुझे अवसर दिया तो मैं आज भावनात्मक रूप से कह रहा हूँ मैने भी शराब पी. आदिवासी गांव था. सब पीते थे हम भी पीते रहे. एक बार विदेश यात्रा पर गए वहां भी हम पिये. लेकिन लगा कि अजीत जोगी जिंदगी में कुछ बनना है तो इस लत से अलग होना पड़ेगा.

अजीत जोगी ने सरकार द्वारा शराब की नई विदेशी ब्रांड के पंजीयन के आदेशन का मामला उठाते हुए कहा कि शराब की नई विदेश ब्रांड के पंजीयन का जो आदेश निकाला है. इसका मतलब ये है कि फिर से ठेकेदारी चलेगी. मैं हाथ जोड़कर निवेदन कर रहा हूँ कि यदि छत्तीसगढ़ को सच मे बचाना है तो पुनर्विचार कीजिये. शराबबंदी कीजिये. प्रदेश के कोटि-कोटि लोगों का आशीर्वाद मिलेगा.

जोगी ने कहा कि पेंड्रा गौरेला को जिला बनाने की मांग रखी थी उसे मैं ध्यान दिला रहा हूँ. मनरेगा में सालों से कोई पेमेंट नही हुआ है. मैं रिपोर्ट देख रहा था कि 128 करोड़ रुपये का पेमेंट बाकी है. ये हो जाये तो बेहतर है. जो शौचालय बनाये गए है सरपंचों पर दबाव डालकर उसका भी भुगतान करना चाहिए

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