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विधायक ने पूछा जब कोई मंत्री हमारी बात नहीं सुनेंगे तो उनको कैसे डराएंगे

रायपुर। छत्तीगसढ़ की विधानसभा में पहली बार चुनकर पहुंचे 39 विधायकों को सवाल पूछने से लेकर विधानसभा की कार्यवाही के बारे में शनिवार को प्रशिक्षण दिया गया। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने प्रश्न, प्रश्नकाल, प्रश्न से उद्भूत विषय पर आधे घंटे चर्चा की।

इस दौरान एक विधायक ने सवाल किया कि जब कोई मंत्री हमारी बात नहीं सुनेंगे तो उनको कैसे डराएंगे। जैसे ही यह सवाल आया, वहां मौजूद सदस्यों ने जमकर ठहाका लगाया। इस पर वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आपके ज्ञान पर निर्भर करता है कि कोई मंत्री आपसे कैसे डरेगा। अपने सवाल के बारे में जब पूरी जानकारी होगी, तो किसी मंत्री और मंत्रालय में अफसर के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नर्मदा प्रजापति ने विधायकों से कहा कि विधायक बनने के बाद एक बार फिर सभी विद्यार्थी हो गये हैं। जितना पढ़ोगे, मंत्री-अफसर उतनी ही गंभीरता से सवालों को लेंगे। सदन में उपस्थित रहने से भले ही बोलने का मौका तीन महीने बाद मिले, लेकिन वरिष्ठ विधायकों को सुनने से ही विधायक के रूप में काम करने के बारे में सीख मिल जाएगी। प्रजापति ने कहा कि सदन में हमारा आचरण एवं व्यवहार मीडिया के माध्यम से क्षेत्र की जनता के बीच जाता है। सदन में गंभीरता और शिष्टता धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। भाषा में संयम होना चाहिए, जिससे किसी व्यक्ति विशेष की भावनाएं आहत न हो।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रबोधन से सदस्यों के कार्य, व्यवहार, दक्षता एवं प्रखरता में वृद्धि होगी। सदस्यों को पक्ष-विपक्ष की भावना से ऊपर उठकर प्रदेश एवं जनता की खुशहाली के सतत प्रयास करते हुए जनता की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

मतदाताओं की भावनाओं की करें रक्षा – डॉ महंत

विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि शिक्षा, प्रशिक्षण एवं ज्ञानार्जन के लिए आयु एवं वरिष्ठता की सीमा नहीं होती हैं। योग्य एवं अनुभवी जनों का मार्गदर्शन अनुकरणीय होता हैं। सदस्यों का शिष्ट तथा संसदीय आचरण ही सदन की गरिमा को बनाये रखने के लिए आवश्यक हैं। जिस भावना के साथ उनके निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं ने उन पर विश्वास व्यक्त किया है। उनके विश्वास की रक्षा करना और संसदीय परंपराओं, प्रक्रियाओं का परिपालन करते हुए उनकी अपेक्षाओं को पूर्ण करना सदस्यों का प्रथम दायित्व होना चाहिए।

विधायकों को सवाल पूछने के बताए तरीक

प्रबोधन में विधायकों को सवाल पूछने के बारे में जानकारी दी गई। विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने बताया कि सवाल ऐसे नहीं पूछना चाहिए कि उसका जवाब देना संभव न हो। सवाल पूछने की शब्द सीमा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सदस्यों को संसदीय विषयों की प्राथमिक जानकारी और संसदीय शब्दावली से परिचय कराया। विधायक राम कुमार यादव, प्रकाश नायक, अंबिका सिंहदेव सहित अन्य ने सवाल भी किया। प्रबोधन में मंत्री रविन्द्र चैबे, जयसिंह अग्रवाल, प्रेमसाय सिंह टेकाम, एकता परिषद के राजगोपाल पीव्ही, मध्य-प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

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