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पिता की यूनिफॉर्म पहनकर 2 साल के बेटे ने किया सैल्यूट

सीआरपीएफ के शहीद जवान सी शिवचंद्रन का दो साल का बेटा शिवमुनियन उस समय सबको टकटकी लगाए देख रहा था जब हजारों लोग उसके पिता को श्रद्धांजलि दे रहे थे। शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण भी पहुंची थीं। शिवमुनियन को शायद ही यह समझ में आया होगा कि उसने तिरंगे में लिपटे हुए ताबूत को किस और सैल्यूट क्यों किया।     

शिवमुनियन की मां गांधीमथी दूसरी बार गर्भवती हैं। उन्होंने बेटे को पिता की वर्दी पहनाई और उसे गोद में पकड़ लिया। सी शिवचंद्रन सीआरपीएफ के उस काफिले का हिस्सा थे जिसपर आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया। शहीद का तमिलनाडु के अरियालु जिले में पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। 

शहीद का बेटा अब हमेशा अपने पिता को केवल तस्वीरों के जरिए याद कर सकता है। वहीं सिल्क साड़ी पहने हुए गांधीमथी को संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था। उनके पति बीते शनिवार को ही जम्मू-कश्मीर स्थित पोस्टिंग पर वापस लौटे थे। छुट्टियों का उपयोग उन्होंने सबरीमाला मंदिर की तीर्थ यात्रा के लिए भी किया था।

गांधीमथी एक प्रशिक्षित नर्स हैं। उनका परिवार और स्थानीय लोग चाहते हैं कि सरकार उन्हें एक सुरक्षित और अच्छी नौकरी दे। तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की है कि वह शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। शिवचंद्रन के पिता जो कुछ घटा उसपर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। दो साल पहले उन्होंने चेन्नई में कार्यस्थल पर हुई दुर्घटना में अपने छोटे बेटे को खो दिया था।

शहीद के पिता ने अपने बेटे की पुरानी वर्दी पहनी हुई थी। किनारे पर जवान की बहन जयचित्रा बैठी हुई थी। जिसके गालों पर आंसुओं की धारा बह रही थी। जयचित्रा को बोलने और सुनने में दिक्कत है। उनका भाई उनकी सारी जरुरतों का ध्यान रखता था। एक रिश्तेदार ने कहा कि उसका भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। शिवचंद्रन अपने परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे थे।

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