(आशीष कुमार अग्रवाल )
जिले में ‘जल जीवन मिशन’ योजना दम तोड़ रही है. कुछ माह पहले जिन गावों में नल लगाए गए वहां अभी तक पानी पहुंचा ही नहीं है. मजबूरी में ग्रामीण इसका इस्तेमाल अपने गमला गोबर कंडे रखने में कर रहे हैं.
जिले में ‘जल जीवन मिशन’ योजना के तहत लगाए गए नलों की हालत खस्ता है. जिन नलों को लोगों को स्वच्छ पानी की सप्लाई के लिए लगाया गया था. उन नलों में पानी की सप्लाई शुरू नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने गमला गोबर कंडे रखने का कर रहे है उपयोग. दरअसल, केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन’ योजना के तहत कबीरधाम जिले में पंचायतों में एवं ग्रामीणों में लगे नल में अब तक पानी नहीं पहुंचा है. पेयजल के लिए जिन घरों के बाहर नल कनेक्शन लगाए गए हैं. उनमें पानी की सप्लाई शुरू नहीं होने की वजह से लोगों ने इन नलों को गमला गोबर कंडे रखने में तब्दील कर दिया है.
जल जीवन मिशन का है बुरा हाल
जिले के ग्राम पंचायत में ग्रामीणों के घरों के बाहर लगे नल कनेक्शन में पानी सप्लाई शुरू नहीं होने से इसे गमला गोबर कंडे रखना इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है पहले नल का कनेक्शन किया गया था, लेकिन अब तक पानी सप्लाई शुरू नहीं हुई है.
नहीं खत्म हो रहा पानी का इंतजार
ग्राम पंचायत में ग्रामीण कई महीनों से पानी का इंतजार कर रहे हैं. यहां पाइप लाइन बिछाकर नल कनेक्शन तो लगा दिया गया है, लेकिन अब तक पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है. इस तरह जिले के ज्यादातर गांवों में नलों से पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है. लोगों की शिकायत है कि इन इलाकों में नल कनेक्शन लगाने, ओवरहेड टैंक का निर्माण करने के साथ ही पाइप लाइन बिछाने में भी सुस्ती बरती जा रही है.
जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में सीसी रोड को तोड़कर अंदरग्राउंड पाईप लाइन डाला गया है पाईप लाइन डालने के बाद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा उक्त सीसी रोड कंक्रीट तक नहीं किया गया है कांक्रीट नहीं करने से ग्रामीण में आय दिन दुर्घटना की संभावना बनी रहती है ।
जिले में कई ग्रामीण इलाकों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा टंकी एवं बोर तक नहीं करवाया गया है, विभाग के जिम्मेदार अधिकारी से जानकारी मांगी गई तो कहा गया कि हमारे पास स्टाफ कमी होने के कारण जानकारी उपलब्ध करना संभव नहीं है ।