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नए सॉफ्टवेयर से पटवारी – किसान परेशान

 

0 केसीसी लोन मिलना हुआ बंद
0 नक्शा- खसरा के लिए तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं लोग

कवर्धा 20 मई – भुइयां कार्यक्रम के नए सॉफ्टवेयर से पटवारी ही नही बल्कि कृषको को भी परेशानी हो रही है। पिछले 15 दिन से पटवारी कार्यालयों में कामकाज बंद है। ऑनलाइन नक्शा, खसरा व बी- 1 की कंप्यूटराइज्ड प्रिंट नहीं हो रहा है।
नए सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन काम आसान नहीं है, जिसके कारण पटवारियों ने अपने टोकन आईडी जमा कर दिया है। इसके कारण किसानों को समितियों से खाद- बीज और सहकारी बैंकों में केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) लोन नहीं मिल पा रहा है। ऑनलाइन खसरा व बी- 1 की अपडेट प्रति के लिए किसानों ने तहसीलों में आवेदन लगाए हैं। चारों तहसीलों में 1500 से ज्यादा आवेदन पेंडिंग पड़े हैं, क्योंकि नए सॉफ्टवेयर की जटिलताओं के कारण 15 दिन से ऑनलाइन काम बंद है। किसान पटवारी कार्यालय और तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं। पूछने पर सॉफ्टवेयर अपडेट होना बताते हैं।
भुइयां के नए सॉफ्टवेयर में रिकाॅर्ड की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। सॉफ्टवेयर के नए वर्जन को लांच करने के बाद भुइयां रिकॉर्ड का बैकअप लिया गया था। बैकअप लेने पर सॉफ्टवेयर में पुराने रिकॉर्ड दिखा रहे हैं। पटवारियों के जरिए अपडेट की गई कई जानकारी विलोपित हो गई है। यानी एक व्यक्ति जिसने 3 साल पहले किसी दूसरे से जमीन खरीदी थी। नामांतरण कर जमीन अपने नाम कराया था। बैकअप के बाद सॉफ्टवेयर में जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी, उसी का नाम है। कानूनगो ऑफिस से जारी होने वाले तहसीलदार के हस्ताक्षर व मोहर वाले नक्शा, खसरा व बी-वन की कंप्यूटराइज्ड कॉपी ही बैंक के अफसर केसीसी लोन के लिए मांग रहे हैं। किसानों को कंप्यूटराइज्ड कॉपी नहीं मिलने से किसान खाद का अग्रिम उठाव नहीं कर पा रहे हैं। केसीसी के जरिए शून्य प्रतिशत ब्याज में नगद लोन लेने में भी दिक्कत हो रही है।
नए सॉफ्टवेयर में जटिलताओं के कारण काम करना संभव नहीं है। इसलिए पटवारियों ने टोकन आईडी जमा कर दिया है। जटिल प्रक्रिया आसान न होगी, काम नहीं करेंगे। गेंदूराम मरावी, अध्यक्ष, राजस्व पटवारी संघ

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