0 जीवनदीप समिति में वित्तीय अनियमितता एवं भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने पर
कवर्धा, 2 जुलाई – जीवन दीप समिति जिला चिकित्सालय कबीरधाम के सिविल सर्जन सह अधीक्षक कमल कुमार गजभिये, लेखापाल जी.आर. चंद्रवंशी एवं स्टोर कीपर ईश्वर साहू को वित्तीय अनियमितताओं एवं भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने पर कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा जीवन दीप समिति के स्टीवर्ड सागर सिंह राजपूत को निलंबित किया गया है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने सिविल सर्जन डॉ गजभिये को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा स्टीवर्ड को निलंबित किया गया है और लेखापाल चंद्रवंशी एवं स्टोर कीपर ईश्वर साहू को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। निलंबन आदेश में कहा गया है कि सागर सिंह राजपूत अपने पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने, भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने तथा फर्मो को भुगतान करने में गड़बड़ी करने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में श्री राजपूत को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया विकासखंड कवर्धा में पदस्थ किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
सिविल सर्जन डॉ. गजभिये को जारी कारण बताओ नोटिस में किया गया है कि जिला अस्पताल कबीरधाम के जीवनदीप समिति में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय, कैशबुक, गार्ड फाईल एवं पिछले चार माह में किय गये आय व्यय की जांच अपर कलेक्टर कबीरधाम से कराया गया। अपर कलेक्टर कबीरधाम के द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में यह बताया गया है कि जीवनदीप समिति को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर से 27 जून 2017 द्वारा जिले में संचालित ई-हास्पिटल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु दो किस्तों के कुल 18 लाख 34 हजार 783 रूपये प्राप्त हुआ था। उक्त प्राप्त राशि में से जीवनदीप समिति तथा अन्य कार्यो हेतु सामग्रियों का क्रय किया गया है साथ ही कार्यरत कर्मचारियो का मानदेय भुगतान किया गया है।
जीवनदीप समिति कबीरधाम के विगत माह फरवरी से मई तक आय-व्यय की जानकारी लिया गया। जीवनदीप समिति तथा रेगुलर फंड से खरीदी की सामग्रियों का बिल-व्हाऊचर, गार्ड फाईल का अवलोकन किये जाने पर समिति में क्रय किय गये सामग्रियों का भौतिक सत्यापन नहीं होना पाया गया। विगत चार माह में कुल 24 लाख 40 हजार 233 रूपये का खर्च विभिन्न मद में करते समय भण्डार क्रय तथा वित्तीय नियमों का पालन नही किया गया। जीवनदीप समिति को वाहन तथा ओ.पी.डी. से प्राप्त पूरी राशि को बैंक में जमा नहीं कर लगभग 75 प्रतिशत राशि जमा किया गया है, शेष राशि को कैश रखा गया है, जो वित्तीय नियमों के विपरीत है। फ्यूल हेतु नगद भुगतान वाहन चालक के माध्यम से किया जाता है। जीवनदीप में 12 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें धोबी एवं स्वीपर के नियुक्ति आदेश नस्ती में संलग्न नहीं है।
जीवनदीप समिति के मेनुअल अनुसार सिविल सर्जन को 50 हजार रूपये तक का अधिकार दिया गया है, किन्तु 50 हजार रूपये से अधिक की राशि का भुगतान छोटे-छोटे बिल व्हाऊचर प्रस्तुत कर एक मुस्त राशि चेक के माध्यम से किया गया। कई बिल में बिल नम्बर सिरयल से अंकित नहीं है, परन्तु दिनांक अलग-अलग दर्शित है जो संदिग्ध प्रतीत होता है, इसी प्रकार जिला चिकित्सालय कबीरधाम में धोबीघाट निर्माण पुराने, नये तथा चबुतरा निर्माण के नाम पर अन्नु टण्डन “द“ वर्ग ठेकेदार को लगातार भुगतान 25-25 हजार रूपये का किया गया है जिसमें बिल क्रमांक तथा दिनांक एक ही है। ठेकेदार द्वारा स्टीमेट के आधार पर निर्माण कार्य किया गया है, परन्तु मूल्यांकन नहीं कराया गया। चेक जारी पंजी में जितने भी संबंधित फर्मो को चेक जारी किये गये है। उसमें सभी की पावती संबंधित लिपिक (सागर सिंह राजपूत के द्वारा पावती दिया गया) अंकित है। इस प्रकार जीवनदीप समिति के माध्यम से जो व्यय किया गया है, वह वित्तीय नियमों के वितरीत है तथा भण्डार क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। जीवनदीप समिति के माध्यम से क्रय किये गये सामग्रियों का अनुमोदन भी नहीं लिया गया। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जीवनदीप समिति में घोर वित्तीय अनियमितता एवं लापरवाही बरती गई है। उपरोक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1965 के विपरीत है। इस संबंध में तीन दिवस के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर कारण बताएं कि क्यों न उक्त लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता के कारण आपके विरूद्व अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।