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शून्य से शिखर तक शिक्षक राजर्षि

राज्यपाल के हाथो होंगे सम्मानीत

कवर्धा – जिला मुख्यालय कवर्धा से 50 कि मी सुदूर वनांचल क्षेत्र सिंगपुर में पदस्थापना के समय न तो शाला भवन था न पर्याप्त स्टाफ , न खेल मैदान औऱ न ही संसाधन , बच्चो की संख्या नाम मात्र की थी । शाला के चारो ओर पूर्व से स्थापित शालायें थी ऐसे में शाला की दर्ज संख्या बढ़ाने के साथ साथ उत्कृष्टता को प्राप्त करना कठिन चुनौती थी । शिक्षक राजर्षि ने अपने आसपास की पूर्व से स्थापित शालाओ का शुक्क्षम अवलोकन कर शिक्षण केसाथ पाठ्येतर क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया ।शाला में शिक्षकों की कमी को दूर करने पत्नी से अवैतनिक अध्यपन कराए वही आसपास के खेतों में खेल प्रशिक्षण देना शुरू किया । शाला में बाल आनंद मेला ,सामुदायिक सहभागिता की कार्यशाला ,आर टी ई की कार्यशाला ,योग ,स्वकछता, विकासखंड एवम जिला स्तर की शालेय व पाइका प्रतियोगिता का आयोजन, मातृसम्मेलन, विज्ञान क्विज ,खेल,स्वकछता के माध्यम से समुदाय को जोड़ना ,एवम शाला में छोटे छोटे कार्यक्रम नियमित आयोजन करने व शाला के बच्चो का जिला राज्य खेलो चयन से बच्चे शाला की ओर आकर्षित हुए वहीं पालको का विश्वास प्राप्त हुआ और इस तरह दर्ज 12 से 145 पार कर गई ।शाला प्रबंधन समिति ,समुदाय जनप्रतिनिधियों के सक्रिय सहयोग से भवन ,स्टाफ की कमी दूर हुई ।
विद्यालय से सैकड़ों राज्य स्तर के तथा 12 राष्ट्रीय खिलाड़ी निकल चुके है ।शाला ने राष्ट्रीय शालेय खेलो में 8 मैडल प्राप्त कर देश मे स्थान बनाया है । विदित हो कि माध्यमिक शाला में खेलो का कोई फण्ड नही होता ऐसे में बच्चो को लाने ले जाने के अलावा संसाधन की पूर्ति शिक्षक स्वयं के व्यय से करते आ रहे है ।
सांस्कृतिक क्षेत्र में शालेय बच्चे ब्लॉक ,जिला के साथ साथ राज्योत्स्व मे अपनी प्रतिभा दिखा चुका है । स्वकछता के क्षेत्र में भी शाला पुरष्कृत है । शिक्षक राजर्षि को समाज ,ब्लॉक ,जिला के अलावा राज्यपाल पुरुष्कार ,राष्ट्रीय शिक्षक रत्न अवार्ड ,अक्षय अलंकरण ,खेल एवम शाला को 2016 का राज्य स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय पुरुस्कार मुख्यमंत्री के हाथों प्राप्त हो चुका है ।शाला के बच्चे मध्यप्रदेश ,महाराष्ट्र ,केरल ,दिल्ली ,आदि स्थानों में खेल क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर चुके है ।शाला में अभी 2 प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहे हैं निकट भविष्य में ये शाला में दिखेंगे ।औऱ इस तरह सिफर से शुरु कर शिखर तक कि यात्रा जारी है हालांकि राज्यपाल पुरुष्कार ,राष्ट्रीय शिक्षक रत्न के साथ राज्य के उत्कृष्ट विद्यालय का प्रथम पुरुष्कार तो मिला पर यह तो पड़ाव है शाला में जन सहयोग से 4 प्रोजेक्ट पूरे करने शेष है ,ये प्रोजेक्ट पूरे होने पर शाला अपनी पहचान राज्य में स्थापित कर पायेगी ।

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