रायपुर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार को किसानों के कर्जमाफी पर घेरा। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी को लेकर ढिंढोरा पीटा गया। छत्तीसगढ़ के किसानों को हर तरह के कर्ज से मुक्ति मिलनी चाहिए। नवागढ़ केरा के पास अभी किसान चक्काजाम कर रहे हैं। धान खरीदी में कई तरह की दिक्कत है। हम पहले ही आगाह कर चुके हैं कि किसान के साथ अन्याय न हो। अगर सरकार किसानों के सभी कर्ज को माफ करने की घोषणा करेगी, तो उसे धन्यवाद दूंगा।
उन्होंने कहा, बिजली बिल को लेकर अब तक कोई नीति नजर नहीं आ रही है। लोगों ने अपना बिजली बिल पटाना बंद कर दिया है। कहीं ऐसा न हो जाये कि इससे राज्य में अराजकता की स्थिति बन जाए।
चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों की संख्या लाखों में है। हजारों करोड़ लोगों ने कंपनियों में निवेश किया है। आज भी पैसा वापस नहीं हुआ है। पिछली सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस दिलाने के लिए सख्त कदम उठाया। कई कंपनियों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर किया गया, लेकिन पैसा वापस नहीं हुआ। कांग्रेस ने चिटफंड कम्पनी में निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में लिए घोषणा पत्र में वादा किया था। राज्यपाल के अभिभाषण में ब्लूप्रिंट नजर आना था कि राशि की वापसी को लेकर क्या नीति है, लेकिन ये नजर नहीं आया।
नक्सल समस्या के लिए करें सकारात्मक प्रयास
कौशिक ने कहा कि नक्सल समस्या भाजपा सरकार की देन नहीं है। मध्यप्रदेश की तत्कालीन कैबिनेट मंत्री को घर से निकालकर नक्सलियों ने मार दिया था, उस वक्त की सरकार यदि नक्सलवाद को लेकर कोई ठोस नीति बनाती, तो आज ये हालात नहीं बनते। नक्सलवाद हमें मध्यप्रदेश से विरासत में मिला है। रमन सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने कारगर पहल की थी। बस्तर विकास के काम शुरू हुए। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की दिशा में काम किया। इस समस्या को खत्म करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास होने चाहिए।
नान में जो आरोपी, उसी की शिकायत पर एसआईटी
कौशिक ने कहा कि देश में सबसे दुर्भाग्यजनक घटना एसआईटी का गठन है। जिस अधिकारी के चाल चरित्र पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उसकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी, आज वही अधिकारी प्रिय हो गए। जो अभियुक्त फरार हैं, उसके आवेदन पर एसआईटी का गठन करना, आखिर सरकार कहां जा रही है।