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गर्भवती, शिशुवती माताओं और शाला त्यागी से लेकर कुपोषित बच्चों को टेक होम राशन के माध्यम से मिल रहा पोषण आहार

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 6 हजार 410 बच्चों को मिला सूखा राशन

8 हजार 887 गर्भवती महिलाएं और 9 हजार 858 शिशुवती माताओं को घर-घर पहंुचकर अतिरिक्त पोषण अहार दिया गया

कवर्धा | 24 जून 2020। कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौड़ में भी छत्तीसगढ़ सरकार की कई लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। मानव जीवन के मूलभूत आवश्यकता के लिए रोटी, कपड़ा और मकान होती है। समय के साथ-साथ आवश्यकता बदलती गई और इन आवश्यकताओं में रोजगार भी महत्वपूर्ण है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत हितग्राहियों को रोटी की पूर्ति के लिए सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, वहीं योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए इस संक्रमण काल में भी महिला स्व. सहायता समूहों को समाग्री निर्माण के लिए रोजगार भी दिया जा रहा है। पौष्टिक खाद्य एवं पोषण आहार वितरण से नन्हें बच्चो और माताओं के लिये अति आवश्यक है, इसे देखते हुए आंगनबाड़ी बंद होने की दशा में भी ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में पौष्टिक आहार वितरण को घर पहुंच सेवा के माध्यम से सुनिश्चित  किया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण और बचाव साथ ही इसके व्यापक रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम द्वारा मुस्तैदी से काम किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका से लेकर स्वास्थ्य मितानिन भी अपने-अपने दायित्वों में लगे हुए है। कबीरधाम जिले में लाॅकडाउन से लेकर अब तक विभाग द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं के तहत 1 लाख 9 हजार 34 हितग्राहियों तक सूखा राशन, रेडी टू ईट, पौष्टिक आहार और अन्य समाग्री भी पहंुचाया गया।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत 1 से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों एवं सीवियर एनीमिक महिलाओं को घर पहुंचकर 21 दिवस सूखा राशन का वितरण किया गया है। पुनः 20 दिवस के लिए सूखा राशन वितरण किया जा रहा है। जिसमें 1 से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चे 6410 लाभान्वित को सूखा राशन निर्धारित मात्रा अनुसार दिया जा रहा है। वहीं 15 से 49 आयु वर्ष के सीवियर एनीमिक महिलाएं 322 लाभन्वित को सूखा राशन निर्धारित मात्रा अनुसार दिया जा रहा है

जिला कार्यक्र्रम अधिकारी,महिला एवं बाल विकास विभाग आंनद तिवारी ने बताया कि लाॅकडाउन अवधि में महिला एवं बाल विकास विभाग व्दारा संचालित योजनाओं एवं लाभान्वितों में पूरक पोषण आहार योजना अंतर्गत 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों, 3 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं एवं शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेक होम राशन के माध्यम से रेडी टू ईट का वितरण किया जा रहा है। लाॅकडाउन अवधि में 6 माह से 3 वर्ष के सामान्य एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को 45144 लाभन्वित हितग्राही को 750 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा कार्यकर्ता एवं सहायिका के द्वारा हितग्राहियों के घर जाकर सोशल डिस्टेंसिग एवं आवश्यक सावधानी के साथ वितरण किया जा रहा है। 6 माह से 3 वर्ष के गंभीर कुपोषित बच्चों 1511 लाभन्वित हितग्राही को 1200 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा वितरित किया जा रहा है, 3 से 6 वर्ष के सामान्य एवं मध्यम कुपोषित बच्चों 34626 हितग्राही को 750 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा वितरित किया जा रहा है। 3 से 6 वर्ष के गंभीर कुपोषित बच्चों 1251 लाभन्वित हितग्राही को 1200 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा वितरित किया जा रहा है। गर्भवती महिला 8877 लाभन्वित  महिलाओं को 450 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा को नवीन निर्देशानुसार 900 ग्राम के पैकेट आगामी टी.एच.आर. वितरण किया जाएगा। शिशुवती माताएं 9858 लाभन्वित को 900 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा वितरित किया जा रहा है। किशोरी बालिका (11 से 14 वर्ष शाला त्यागी ) 1035 लाभन्वित हितग्राहियों को 900 ग्राम रेडी टू ईट की मात्रा वितरित किया जा रहा है।

जिला कार्यक्र्रम अधिकारी ,महिला एवं बाल विकास विभाग श्री आंनद तिवारी ने बताया कि  वर्तमान में कोविड 19 से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए आंगनबाडी केन्द्रों का संचालन बंद रहने के कारण डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अनौपचारिक शिक्षा (पीसीसी) गतिविधि संचालन के संबंध में निर्देश जारी किए गए है। आडियों मैसेज के माध्यम से अभिभावकों तक बच्चों के सर्वागीण विकास की जानकारी पहुुचाई जा रही है इस हेतु सहायक संसाधन सामग्री के रूप में बालगीत, कहानी आदि के विडियों उपलब्ध कराये जा रहे है, इन विडियोज को मैदानी स्तर पर प्रसारित किया जा रहा है।

समूहों के द्वारा रेडी टू ईट का सतत् रूप निर्माण जारी

रेडी टू ईट समूहों के द्वारा रेडी टू ईट की निरंतरता बनाए रखते हुए सतत् रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है। रेडी टू ईट बनाने के सफाई एवं स्वच्छता का पर्याप्त ध्यान रखा जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग व एक समय पर 5 से अधिक लोगों की उपस्थिति न हो इसका पालन किया जा रहा है । आंगनबाडी केन्द्रों में वितरण के समय भी पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है



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