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सुराजी गांव योजना से लाभान्वित हो रहे ग्रामीण किसान,बाड़ी विकास से होने लगा लाभ

मनरेगा और उद्यानिकी के लाभ से किसान चेतन वर्मा की बाड़ी में आई हरियाली, आमदनी बढ़ी

कवर्धा | 20 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी से ग्रामीण क्षेत्रों  के कृषक लाभान्वित हो रहे है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार ग्रामीण गारंटी योजना एवं उद्यानिकी विभाग के अभिसरण द्वारा बहुत से कार्य किए गए है जिसका परिणाम अब दिखने लगा है।

जिले के विकासखण्ड सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत सिंगारपुर के कृषक चेतन वर्मा पिता रवि वर्मा को नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत मनरेगा से 16 हजार 200 रूपए का बाड़ी विकास कार्य स्वीकृत किया गया है। इस कार्य में चेतन वर्मा के बाड़ी का समतलीकरण करते हुए सब्जियों का बीज दिया गया। लगभग 13 हजार 200 रूपए का मजदूरी भुगतान बाड़ी की भूमि को समतलीकरण के लिए मिल गया तथा शेष राशि 3 हजार रूपए से  बीज के साथ जैविक कीटनाशक  प्राप्त हो गया। अब बाड़ी विकास चेतन वर्मा के लिए कमाई का नया ज़रिया बन गया है । इनके बाड़ी में लगे भीन्डी, मिर्ची, लौकी, बैगन, धनीया, टमाटर, लाल भाजी, गिल्की, बरबटटी, पालक भाजी, आदि सब्जियो का आसानी से उत्पादन हो रहा है। भूमि विकास करने से मिट्टी उपजाऊ हो गयी है जिसके कारण सब्जियो का उत्पादन अच्छा होने लगा है। चेतन वर्मा और उसका परिवार अपने बाड़ी में काम करते हुए सब्जी का उत्पादन कर रहें है। पास के ही बिरोड़ा बाजार में सब्जी को थोक में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा भी रहें है। कृषक चेतन वर्मा को वर्ष 2019-20 में उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोड़ते हुए वर्मी बेड प्रदाय किया गया। जिसमें वर्मी खाद का उत्पादन कर सात क्विंटल खाद तैयार करते हुए उसे विक्रय किया गया। इसी तरह वर्तमान में भी वर्मी खाद तैयार करने का सिलसिला जारी है।

सहायक संचालक उद्यान आर.एन.पाण्डेय ने बताया कि ग्रामीण कृषकों को मनरेगा योजना एवं उद्यानिकी विभाग से सीधे लाभान्वित किया जा रहा है। एक ओर जहां भूमि समतलीकरण कर भूमि को कृषक कार्य हेतु तैयार कर रहें है तो वहीं विभाग उन्नत किस्म के सब्जी भाजी के बीज, किटनाशक व खाद आदि की उपलब्धता कराते हुए सब्जी-भाजी उत्पादन के सफल तकनीक ग्रामीणों को सिखाया जा रहें है। जिनमें से चेतन वर्मा का परिवार भी एक है जिनका बाड़ी विकास कार्य लगातार चल रहा है और अब लाभ मिलने लगा है।
कृषक चेतन वर्मा और उनके पुत्र प्यारे लाल वर्मा अपना अनुभव बताते है की बाड़ी विकास योजना से बहुत फायदा मिलने लगा है। सब्जी-भाजी के उत्पादन से पूरा परिवार लाभान्वित हो रहा है, प्रत्येक सप्ताह पास के बिरोड़ा बाजार में सब्जीयों का विक्रय करते है। जिसके एवज में प्रत्येक माह लगभग 5 से 6 हजार रूपए का आमदनी हो रहा है। इन्होनें आगे बताया कि वर्मी खाद भी तैयार कर रहें है जिसके लिए उद्यानिकी विभाग से वर्मी बेड मिला था। वर्मी तैयार करते समय पता चला कि वर्मी बेड को शेड की आवश्यकता है। इसके लिए लकड़ी का ढ़ाचा तैयार किया गया जिससे ढ़कने के लिए देशी कुन्दल के पौधों को शेड के चारो ओर लगा दिया गया। पौधे नार के रूप में शेड के ऊपर  चारों ओर फैल गया और वर्मी खाद को प्राकृतिक छाया देने लगे। इस तरह कुन्दरू का फसल भी शेड के सहारे बेहतर तरीके से उत्पादित होने लगा। एक ही समय और जमीन  में हमारा परिवार वर्मी शेड के साथ कुन्दरू सब्जी का मुनाफा  कमा रहा है।

विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से ग्रामीण को मिला लाभः सीईओ जिला पंचायत

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के. ने बताया कि सुराजी गांव योजना के तहत चेतन वर्मा को बाड़ी विकास के कार्य से लाभान्वित किया गया। महात्मा गांधी नरेगा योजना से भूमि समतलीकरण कर सब्जीयों का बीज व किटनाशक उपलब्ध कराये गए। इसका परिण्धाम है कि चेतन वर्मा और उसका परिवार विभिन्न प्रकार की सब्जीयां लगाकर बेहतर मुनाफा कमा रहा है।  विजय दयाराम के. ने आगे बताया कि विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन के योजना से ग्रामीण कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। यहीं कारण है कि चेतन वर्मा अपनी बाड़ी में रसायनिक खादों का उपयोग न करते हुए पुर्णतः जैविक खाद उपयोग कर सब्जी उत्पादन कर रहें है। जिसके कारण इनकों अच्छी आमदनी होने लगा है।



 

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