रायपुर। वैदिक परंपरा के प्रचार-प्रसार करने के लिए अब स्कूली को छात्रों को विषय के रूप में पढ़ाई शुरू होगी। इससे 10वीं के छात्र एक विषय के रूप में वेद की पढ़ाई कर सकेंगे, वहीं 12वीं के छात्र वेद संकाय के रूप में पढ़ पाएंगे। 12वीं में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के साथ वेद संकाय की पढ़ाई होगी।
फिलहाल यह प्रयास राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयीन शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) की ओर से 2019 सत्र से ट्रायल के रूप में शुरू होगा। पहले चरण में यह 10वीं में शुरू किया जा रहा है। दूसरे चरण में 12वीं में इसे शुरू किया जाएगा। एनआइओएस ने 10वीं के लिए पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया है। इसके सभी विषय संस्कृत भाषा व वेद से जुड़े हैं। हालांकि अभी प्रदेश में कुछ ही संस्कृति स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई हो रही है।
एमएचआरडी की पहल
वैदिक ज्ञान को बढ़ावा देने की यह पहल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शुरू की है। यह अभी पूरा ऑनलाइन ही रहेगा। अगले सत्र यानी 2020 में इसे सीबीएसई भी लागू करेगा। इसके लिए पांच विषय तैयार किए गए हैं। पाठ्यक्रम में संस्कृत पर विशेष जोर होगा। भाषा के रूप में संस्कृत का ही इस्तेमाल बोलचाल में छात्र करेंगे। इसके अलावा चार विषयों में भारतीय दर्शन, वेद अध्ययन, संस्कृत व्याकरण और संस्कृत साहित्य होंगे। इनमें अष्टाध्यायी से लेकर वेद मंत्रों को भी शामिल किया गया है।
ऑनलाइन शुरू होगा पाठ्यक्रम
इसके सभी विषय संस्कृत भाषा और वेद से जुड़े होंगे। कोर्स विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। खास बात यह है कि वर्तमान में स्कूली शिक्षा में ऐसा कोई कोर्स नहीं था, जिसमें कोई भी वेद और भारतीय वैदिक परंपरा से भी जुड़ सके। इसके तहत अब कोई भी छात्र अन्य संकाय की तरह वेद संकाय लेकर भी पढ़ाई कर सकेंगे। यह भारतीय वैदिक ज्ञान परंपरा संकाय की पढ़ाई ऑनलाइन शुरू की है।
विदेशी छात्रों को भी मौका
इस कोर्स को करने की छूट देश और विदेश के छात्रों को भी रहेगी। इससे दूसरे देश में भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपरा को लोग जान पाएंगे। हालांकि एनआइओएस के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी एके भट्ट का कहना है कि वेद की पढ़ाई के प्रति स्टूडेंट्स को जागरूक करने का यह बेहतर प्रयास है। इससे धार्मिक कार्य से जुड़े स्टूडेंट्स व कॅरियर बनाने की चाह रखने वाले छात्रों के लिए बेहतर होगा। लेकिन अभी रायपुर से बाहर है। इस संबंध में हेड ऑफिस से और क्या अपडेट है। उसे देखकर कर ही बता पाऊंगा।