रायपुर. भूपेश बघेल सरकार के पहले बजट में कर्मचारियों के लिए कोई प्रावधान नहीं होने पर कर्मचारी संघ ने निराशा जताई है. छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया है.वहीं बजट को लेकर किसान नेता संकेत ठाकुर ने खुशी जताते हुए कहा कि इस बार ऐसा लग रहा है कि किसानों और गांव वालों का बजट है.
संघ के प्रांतीय प्रवक्ता विजय कुमार झा ने कहा कि सरकार के बजट से कर्मचारियों को निराशा हुई है. सुबह से टेलीविजन पर नजर थी कि कर्मचारियों के लिए कुछ प्रावधान होगा, कम से कम महंगाई भत्ता दिया जाना था, लेकिन न सातवां वेतनमान का एरियर्स न चार स्तरीय पदोन्नति. सरकार गरुआ, नरुआ, घुरुआ बारी की बात करती है, लेकिन हमें गरु समझकर डंडा मारा गया है. केंद्र और राज्य सरकार केवल किसानों की बदौलत सरकार बनाने की बात सोचती है. हम भी किसानों का समर्थन करते हैं, लेकिन कर्मचारियों की उपेक्षा ठीक नहीं है. प्रदेश के कर्मचारी नियमतिकरण की आस में थे, फिर भी उम्मीद है अनुपूरक बजट में कुछ प्रावधान होगा.
किसानों और गांव की चिंता कर रही सरकार
वहीं बजट को लेकर किसान नेता संकेत ठाकुर ने खुशी जताते हुए कहा कि इस बार ऐसा लग रहा है कि किसानों और गांव वालों का बजट है. सरकार में अब ऐसे लोग पहुंच गए हैं, जो किसानों और गांव की चिंता कर रहे हैं. 18 सालों में पहली बार किसानों पर केंद्रित बजट था, वादों का पिटारा नहीं. दो महत्वपूर्ण एलान हुए हैं, पहला किसानों का कर्ज माफ और दूसरा फसल का समर्थन मूल्य. भले ही केंद्र ने नही दिया लेकिन इस सरकार ने घोषणा करके खरीदी का वादा पूरा किया है, अब किसानों के अच्छे दिन आएंगे. छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री बनने का फायदा मिल रहा है. हालांकि, थोड़ी कसक राह गई कि सिंचाई के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. फिर भी उम्मीद है सरकार इस पर ध्यान देगी. सरकार से अपील है कि आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार वालो की सुध ले.