रायपुर. बुधवार को जब पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह सदन के भीतर और बाहर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए प्रावधानों का हवाला देकर पूर्व डीजीपी एएन उपाध्याय को हटाने जाने को लेकर सवाल खड़े कर रहे थे तब उनकी ही पार्टी के विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक शिकायती पत्र सौंपकर यह बताने में लगे थे कि कैसे रमन के चहेते अफसर मुकेश गुप्ता ने अपनी पत्नी मिक्की मेहता को मौत के घाट उतारा था और डीजी रहे एएन उपाध्याय तथा संविदा में पदस्थ अफसर अमन सिंह ने मुकेश गुप्ता को संरक्षण प्रदान कर रखा था.
पूर्व गृहमंत्री ने बुधवार को रमन सिंह के तीन चहेते अफसर मुकेश गुप्ता, एएन उपाध्याय और अमन सिंह को जबरदस्त ढंग से लपेटा. कंवर ने मुख्यमंत्री को बताया कि मुकेश गुप्ता ने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए मिक्की मेहता से विवाह कर लिया था, लेकिन सात सितम्बर 2001 को मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मिक्की के परिजनों ने हत्या का अंदेशा जताया तो मुकेश गुप्ता पूरे मामले की लीपा-पोती में लग गए. ननकीराम कंवर ने शिकायती पत्र में उल्लेख किया कि पहले तो मुकेश गुप्ता मिक्की को अपनी पत्नी मानने से ही इंकार करते रहे, लेकिन रायपुर रेंज के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक रामनिवास ने मामले की जांच की तो यह तथ्य सामने आया कि मुकेश गुप्ता ने अपनी पहली पत्नी के स्वस्थ व जीवित रहने के दौरान ही मिक्की मेहता से गंधर्व विवाह रचाया था. ननकी ने लिखा कि मुकेश गुप्ता का यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है. ननकीराम ने लिखा कि पूरा मामला कई बार कई स्तरों पर इधर-उधर जांच के लिए भटकता रहा है, लेकिन मुकेश गुप्ता अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बचते रहे हैं. ननकी ने कहा कि मिक्की के परिजनों ने मामले में निष्पक्ष जांच के लिए उनसे भी मुलाकात की थी तब उन्होंने 4 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शिकायत भेजी थी. मामले को गंभीर मानते हुए प्रधानमंत्री ने विस्तृत जांच का निर्देश दिया था, लेकिन तब सारी रिपोर्ट मुकेश गुप्ता के कहे अनुसार ही तैयार की गई और सरकार को प्रेषित की गई. ननकीराम ने लिखा कि मिक्की मेहता के मामले में अब तक की गई सभी जांच कूटरचित थीं. इस मामले में निर्वतमान पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय की भूमिका भी संदिग्ध रही है. पूर्व गृहमंत्री ने लिखा कि मिक्की के भाई माणिक मेहता के खिलाफ पुलिस ने कई मामले दर्ज कर रखे हैं, लेकिन कुछ समय पहले कूटरचना कर उसे पुनः जेल भेज दिया गया था. इस अपराध को दर्ज करवाने में संविदा में पदस्थ अफसर अमन कुमार सिंह की भूमिका संदेह के कटघरे में हैं. मुख्यमंत्री को सौंपे गए सात पेज के शिकायती पत्र में ननकीराम कंवर ने एमजीएम हास्पीटल में होने वाले कारनामों का भी जिक्र किया है. पत्र में किसी रेखा नाम की महिला का भी जिक्र भी किया गया है. ननकी ने लिखा है कि मुकेश गुप्ता ने इस महिला का भी दैहिक शोषण किया है. उन्होंने इस महिला की बेनामी संपत्ति की जांच की मांग भी की है.