पुलवामा हमले के बाद भारत के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। वह पड़ोसी देश को इस आतंकी घटना का माकूल जवाब देने की मांग सरकार से कर रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान को डर है कि कहीं भारत दोबारा उसपर सर्जिकल स्ट्राइक न कर दे। इसी वजह से उसने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूद आतंकियों के लांचपैड्स को हटाना शुरू कर दिया है। आतंकियों को लांचपैड्स के पास मौजूद सेना के कैंप में रखा जाएगा।
मोदी सरकार का कहना है कि सैन्य बलों को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने की पूरी छूट है। इसी के मद्देनजर पाकिस्तानी सेना ने कुछ पूर्व फैसले लिए हैं। इस समय दोनों तरफ की सीमाओं पर तनाव है। कश्मीर के उच्च खुफिया सूत्रों ने बताया कि फ्रंटियर पर किसी तरह की आर्टिलरी मूवमेंट या तैनाती नहीं की जा रही है।
सूत्रों ने कहा, ‘आज हमारे पास एलओसी पर वहां हवाई हमला करने का कोई लक्ष्य नहीं बचा है। जहां आतंकी तैयार होते थे और उन्हें घुसपैठ करने के लिए भेजा जाता था।’ इससे सेना के पास एक ही विकल्प बचता है कि वह है पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को निशाना बनाना। ऐसा करने से तकरार की संभावनाएं और बढ़ सकती है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान आतंकी हमलों के जवाब में कार्रवाई होने की संभावनाओं को मान रहा है। शायद इसी वजह से उसने इस साल अपनी विंटर पोस्ट्स को खाली नहीं कराया है। सूत्रों ने बताया, ‘लगभग 50-60 विंटर पोस्ट जिन्हें हर साल खाली करा लिया जाता था वहां फिलहाल पाकिस्तानी सैनिक तैनात हैं। जिनमें अतिरिक्त आतंकी लांचपैड्स हैं। फिलहाल हमें उनकी संख्या नहीं मालूम है।’