कवर्धा | 06 मई 2020। चकमक अभियान बच्चों की अभिव्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें बच्चों को रचनात्मक तरीके से खुद को व्यक्त करने का अवसर मिल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के सर्वागीण विकास को ध्यान में रखते हुए चकमक अभियान की शुरुआत की गई है। महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी आनंद तिवारी ने बताया कि चकमक अभियान से बच्चों को घर में मौज मस्ती करने व परिवार के साथ खुशी साझा करने का अवसर मिलेगा इस अभियान को संचालित करने का बच्चों, माता-पिता, दादा-दादी एवं देखभाल करने वाले सदस्यों को वर्तमान स्थिति से निपटने में मदद करेगा। इस अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों के साथ खुशी साझा करने का अवसर मिलेगा। इसके अंतर्गत विविध गतिविधियों की साप्ताहिक समय-सारणी प्राप्त है, जिसके आधार पर बच्चों में कलात्मक अभिव्यक्ति का विकास होगा। बच्चों के द्वारा तैयार किए गए पेंटिंग्स, ड्राईंग, अन्य कलात्मक तैयार सामग्रियों को पालकों के द्वारा चकमक फेसबुक पेज पर अपलोड किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जिले के वाट्सअप नम्बर 7389826624 पर भी अभिभावक बच्चों की कला प्रेषित कर सकते है। यह अभियान लॉक-डाऊन की अवधि तक संचालित होगा। दिवसवार समय-सारणी अनुसार सोमवार को ड्रा, स्केच, पेंट करें सूर्योदय या इंद्रधनुषी निराली छठा, मिट्टी से खिलौने बनाना और अभिनय करते हुये गाना गाओ शामिल है। इसी प्रकार मंगलवार को कागज पर अंगूठे से छाप लगा कर चित्र बनाना, पत्ते से आकृति बनाओं, पत्ते पे रंग लगा कर कागज पर चिपकाएं और रंगोली बनाओं, बुधवार को चित्र बनाओं, रंग भरों, मॉ-पिताजी, दादा-दादी, भैया-दीदी के साथ बाल गीत गाये और माता-पिता के साथ पेड़, पौधों की फोटों खींचे, गुरूवार को पत्तों से आकृति बनाओं, पेपर काट कर आकार बनाओं और उसे रंगो और ‘क‘ से शुरू होने वाली वस्तुएॅ इक्ट्ठा करो, शुक्रवार को अपना पसंदीदा गाना गाये या गाने पर डांस करें, मॉ-पिताजी, दादा-दादी, भैया-दीदी से कहानी सुनना और बिंदुओं को जोड़ कर चित्र बनाओं शामिल है।
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