रायपुर– प्रदेश सरकार नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना को लागू करने जा रही है. इसके लिए अधिकारियों को 10 दिनों में भूमि चिन्हाकन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग को मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. इसके लिए पाटन विकासखंड के 4 ग्राम पंचायत का चयन विकसित करने निर्देशित किया है. यह निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने दिया.
मंत्री सिंहदेव ने आज ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में व्हीसी नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से जिला एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. इसमें मंत्री सिंहदेव ने ‘नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी’ को सहेज कर छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं संसाधनों को बचाए रखने का आव्हान किया. उन्होंने कहा कि नरवा अर्थात जल संसाधन, गरवा अर्थात पशु संसाधन एवं घुरवा अर्थात जैविक खाद और बारी अर्थात सब्जी उगाने की जगह इन सभी संसाधनों के सदुउपयोग से उत्पादन को बढ़ाकर लाभ पहुंचाना है.
प्रत्येक जिले में गौठान एवं चारागाह के लिए मॉडल ग्राम बनाया जाएगा. इसके लिए प्रदेश के सभी विकासखंड से 15 प्रतिशत गांवों का आरक्षण एवं चिन्हाकन के लिए निर्देशित किया. और अधिकारियों को कहा कि 10 दिन के भीतर भूमि का चिन्हाकन कर जिलाधीश के माध्यम से आबंटित कीजिए.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल ने दुर्ग जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव सिंह को पाटन विकासखंड के 4 ग्राम पंचायत को इस कार्य के लिए चिन्हित कर मॉडल के रूप में विकसित करने निर्देशित किया. जिसमें मनरेगा, समग्र विकास एवं कृषि विभाग की योजनाओं से अभिसरण कर पशु के लिए गौठान एवं चारागाह जिसमें नेपियर ग्रास जैस चारा वाली फसलों को लगाने निर्देशित किया गया. मंत्री एव अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी 27 जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं 146 जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कहा कि प्रदेश के कुछ 10, 978 ग्राम पंचायतों में उक्त कार्य 2 से 3 साल के भीतर किए जाए.