छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण का किया जा रहा है खुला उलंघन
जिला शिक्षा अधिकारी कबीरधाम का पत्र क्रमांक 6349 / स्था. 02 / शिकायत / 2022 कबीरधाम दिनांक 11-10-2022 अवलोकन
कवर्धा, ज्वाइंट डायरेक्टर दुर्ग के पत्र क्रमांक/ शिकायत /108 -2 /कबीरधाम/ 2022 -23 /2948/ दुर्ग 03 अगस्त 2022 का जिला शिक्षा अधिकारी कवर्धा द्वारा खुला उलंघन किया गया है नियमानुसार डीईओ कवर्धा को जांच के दरमियान किसी भी उतपन्न नई परिस्थितियों के लिए अपने उच्च कार्यालय ज्वाइंट डायरेक्टर दुर्ग या डीपीआई रायपुर से मार्गदर्शन लेना था और उच्च कार्यालय के निर्देशानुसार ही फर्जी शिक्षक योगेश साहू के ऊपर कृपा या कार्यवाही करनी थी जो विगत पंद्रह वर्षो से बिना किसी नियुक्ति के अवैध तरीके से कूटरचित नियुक्ति आदेश,कूटरचित ट्रांसफर आदेश,कूटरचित सर्विसबुक के सहारे नौकरी कर रहा था कितनी मुश्किलों का सामना कर शिकायत कर्ता योगेश साहू के विरुद्ध गलत होने का साक्ष्य इकट्ठा किया शिकायत के पूर्व गत वर्ष 2021 में योगेश साहू के प्रथम नियुक्ति आदेश की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कवर्धा में आरटीआई के माध्यम से लेने का प्रयास किया गया था तब भी जिला शिक्षा अधिकारी ने बहानेबाजी करते हुए जानकारी उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया था उनके द्वारा आवेदक नारद सिंह राजपूत को स्पष्ट रूप से लिखकर दिया गया था कि प्रथम नियुक्ति आदेश योगेश साहू का निजी अभिलेख है आरटीआई में जानकारी नही दी जा सकती डीईओ को इतना भी जानकारी नही की प्रथम नियुक्ति आदेश जारी होने के पूर्व दावा आपत्ति के लिए नियोक्ता द्वारा सार्वजनिक रूप से अपने कार्यालय में चस्पा किया जाता है दूसरी बात नियुक्ति आदेश शासन का अभिलेख होता है और कोई भी शासकीय अभिलेख गोपनीय नही होता आरटीआई के नियम में उन्ही अभिलेखों को प्रदान नही किया जा सकता जिसमे देश या ब्यक्ति की सुरक्षा या किसी ब्यक्ति की जानकारी उपलब्ध कराने से उसके जान माल को खतरा या कोई ब्यक्तिगत ब्यवसायिक वित्तीय नुकसान हो रहा हो तब जानकारी नही दी जा सकती लेकिन योगेश साहू के मामले में ऐसी कोई बात नही थी डीईओ कार्यालय को पता था कि योगेश साहू अवैध तरीके से नौकरी कर रहा है फिर भी जानबूझकर उसे लाभ पहुचाने की नीयत से ही आवेदक को जानकारी उपलब्ध नही कराया गया और ऐसा करना डीईओ ऑफिस में योगेश साहू को बचाने का षड़यंत्र था अब ये षड़यंत्र कारी कौन था वो आगे जांच में खुलासा होगी एक कामचलाऊ ब्यक्ति को जिला शिक्षा अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पर बिठाने का ही परिणाम है जो जांच के दरमियान खुद तुगलकी फैसला ले रहा है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने जब डीईओ से पूछा कि किसी संगीन मामले में जांच चल रही हो तब की स्थिति में योगेश साहू का त्यागपत्र स्वीकार करना कितना उचित है उनके द्वारा कहा गया कि त्यागपत्र स्वीकार करना मेरे अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए त्यागपत्र स्वीकार कर लिया आगे मीडिया ने उनसे पूछा शासन का ऐसे परिस्थितियों में त्यागपत्र स्वीकार करने संबंधित कोई नियम कानूनन है कि नही तब डीईओ बड़े बेशर्मी का यह कहना कि मुझे इसके बारे में कुछ पता नही डीईओ कवर्धा द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिए बाइट से उनके प्रशासनिक अज्ञानता/अक्षमता समझी जा सकती है बहरहाल जिला शिक्षा अधिकारी के इस कृत्य की शिकायत सेक्रेटरी स्कूल शिक्षा विभाग के पास नारद सिंह राजपूत के द्वारा की जा चुकी है साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में जारी बाइट की वीडियो क्लिपिंग समक्ष प्रस्तुत होकर सेक्रेटरी स्कूल शिक्षा विभाग के पास करने की बात नारद सिंह राजपूत द्वारा प्रिंट मीडिया के पास उपलब्ध भी कराई गई सारे घटनकर्मो को देखने से यही प्रतीत होता है शिक्षा विभाग जैसे पवित्र संस्था में भी साजिश और षड़यंत्र के तहत अपात्र और अयोग्य शिक्षकों के द्वारा अध्यापन कार्य करा कर छात्रों का भविष्य कैसे खराब किया जा रहा है समझी जा सकती है