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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के न्यायाधिपति ने नवनिर्मित वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र एवं विडियो कान्फ्रेंसिग कक्ष का किया उद्घाटन

न्यायालय परिसर में प्रस्तावित कुटुम्ब न्यायालय का भूमि-पूजन किया

कवर्धा, 16 जुलाई 2022। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के न्यायाधिपति एवं पोर्टफोलियो जज जिला कबीरधाम माननीय  न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू ने आज जिला न्यायालय परिसर कबीरधाम में नवनिर्मित वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र एवं विडियो कान्फ्रेंसिग कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर न्यायालय परिसर में प्रस्तावित कुटुम्ब न्यायालय का भूमि-पूजन किया। उन्होंनें न्यायालय परिसर के प्रथम तल पर स्थापित विडियो कान्फ्रेंसिग कक्ष का शुभारंभ करते हुए विडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से जिला जेल से जुड़े और वहां के कैदियों से सीधा संवाद कर उनका हाल-चाल जाना। जिला जेल के कैदियों ने भजन भी सुनाया। माननीय न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू ने परिसर में पौधारोपण भी किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माननीय न्यायमूर्ति साहू ने कहा कि आज वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र कवर्धा का उद्घाटन हुआ है। उसका मुख्य उद्देश्य पारिवारिक विवाद का समाधान करना है। वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की जानकारी आम लोगों को नहीं होती है। इसकी जानकारी प्रदान करने का प्रथम कर्तव्य अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों पर होता है। पक्षकार जो सबसे पहले किसी भी प्रकार के विवाद होने के उपरांत अधिवक्ताओं से सम्पर्क करता है तो अधिवक्ताओं का यह दायित्व है कि वे पक्षकारों को न्यायिक प्रक्रिया जो उनको उपलब्ध है, उसकी जानकारी प्रदान करें। उसके साथ-साथ पक्षकारों को सस्ता, सुलभ और शीघ्र न्याय की जो व्यवस्था की गई है, उसके बारे में जानकारी देने का दायित्व भी इस संस्था से जुड़े हरेक व्यक्ति का है। वर्तमान समय में किसी न किसी कारण से विवाद तेजी से बढ़ रहे हैं। वैकल्पिक विवाद समाधान का जो प्रक्रिया है, उसमें पक्षकारों को कम समय में, बहुत कम खर्च में और आपसी सौहाद्र बनाते हुए अपने विवादों का समाधान करने का एक मार्ग प्रसस्त करता है। अधिवक्तागण से अनुरोध है कि जितने भी पक्षकार उनके कक्ष में उपस्थित होते हैं, वे अपने विवाद को लेकर, परेशानियों को लेकर उनके समक्ष आते हैं, उन्हें तुरंत नहीं तो कालांतर में वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र की जानकारी प्रदान कर आपसी सुलह से विवाद का निराकरण करने का प्रयास करें।

न्यायमूर्ति साहू ने मध्यस्थता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मध्यस्थता बहुत ही कारगर पद्धति है, जिसमें तटस्थ तीसरा पक्षकार, दोनों पक्षकारों के विवाद के मूल कारण की जानकारी प्राप्त कर, उसका निराकरण, समाधान, आपसी सुलह से कराता है। इससे दोनों पक्षकारों के मध्य का मन-मुटाव हमेशा के लिए दूर हो जाता है। हमारा छत्तीसगढ़ मूलतः ग्रामीण क्षेत्रों में बसता है। वहां शिक्षा की कमी है, जिसके कारण भी विवाद बढ़ रहे हैं। उन विवादों का समाधान भी हम सभी के मार्गदर्शन से हो सकता है। जहां आपसी सुलह से विवादों का निराकरण करने का प्रयास करना होता है, वहां पर बैठने के लिए उचित व्यवस्था, शांति तथा उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। पक्षकारों की इन सभी सुविधाओं का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र का आज उद्घाटन किया गया है। इसकी सुंदरता, भव्यता तभी कारकर होगी, जब पक्षकारों के बीच का विवाद आपसी सुलह से मिडिएशन के माध्यम से त्वरित निराकरण हो। कार्यक्रम को जिला एवं सत्र न्यायाधीश कबीरधाम  नीता यादव, अध्यक्ष  संघ कबीरधाम कमल साहू, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ पण्डरिया अधिवक्ता मनीष शर्मा द्वारा भी संबोधित किया गया। आभार प्रदर्शन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित प्रताप चंद्रा, द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्तागण एवं समस्त न्यायिक अधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीरू सिंह बघेल, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा किया गया।



 

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