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कबीरधाम जिला ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व प्रकरण के निराकरण में प्रदेश में अव्वल

कबीरधाम राजस्व ई-कोर्ट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के 22 हजार 992 प्रकरणों का हुआ निराकरण

आम लोगों की सुविधा के लिए राजस्व विभाग के कार्यो का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत

कवर्धा | 17 अगस्त 2020। कबीरधाम जिला ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व के विभिन्न प्रकार के 22 हजार 992 अलग-अलग प्रकरणों का त्वरित निराकरण कर प्रदेश में पहला स्थान बना लिया है। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में जिले में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत की गई है। आम लोगों की सुविधा के लिए जिले में शुरू की गई ई-कोर्ट का लाभ मिलने लगा है। इससे पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज सभी प्रकरणों की जानकारी लेने के लिए जिला अथवा तहसील मुख्यालय आना पड़ता था। राजस्व ई-कोर्ट की शुरूआत होने से संबंधितों के लिए राजस्व न्यायालय मे प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती मिल रही है। साथ ही पक्षकारों को उनके प्रकरणो में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी भी ई कोर्ट में उपलब्ध किए गए है। पक्षकारों को सुनवाई के बाद आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना भी दी जा रही है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कबीरधाम जिला प्रशासन ने ई-कोर्ट में दर्ज प्रकरणों का निराकरण कर प्रदेश में टॉप वन पर अपना स्थान बना लिया है। कबीरधाम जिला प्रशासन द्वारा ई-कोर्ट के माध्यम से 22992 प्रकरणों का निराकरण कर यह स्थान हासिल किया है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा  के मार्गदर्शन में राजस्व ई-कोर्ट में दर्ज सभी प्रकरणों ई कोर्ट के माध्यम से शत-प्रतिशत निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्ग निर्देशन एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के नेतृत्व में आम लोगों की सुविधा के लिए राजस्व विभाग के कार्यो का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत की गई है। राजस्व प्रशासन ने पारदर्शिता लाने एवं राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए ई-कोर्ट व्यवस्था प्रारंभ की गई है। साथ ही राजस्व न्यायालयों में संधारित किए जाने वाले दायरा पंजी, वाद पंजी एवं अर्थदण्ड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाईन किया गया है। ई-कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध करायी गई है। आम जनता को भू अभिलेखों की दुरूस्ती हेतु ऑनलाईन आवेदन करने एवं आवेदन पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन देखने की सुविधा पटवारी द्वारा संधारित नामांतरण पंजी को भी ऑनलाईन नामांतरण  पंजी में परिवर्तित किया गया है। भू अभिलेखों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एन्ड्राइड एप्प पर उपलब्ध कराया गया है। खसरा एवं बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि ऑनलाईन निःशुल्क कही से भी कभी भी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

राजस्व ई-कोर्ट की प्रमुख सुविधाएं

ऽ राजस्व न्यायालय मे कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं। प्रकरणो के पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्यवाही जैसे कि आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन करने या अपलोड करने का प्रावधान।
ऽ राजस्व न्यायालय मे प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदाय करने की व्यवस्था।
ऽ पक्षकारों को उनके प्रकरणो मे की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध।
ऽ विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी उपलब्ध।
ऽ पक्षकारों को सुनवाई पश्चात आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना संप्रेषण का प्रावधान।
ऽ प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध करने का प्रावधान।



 

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