छत्तीसगढ़ के 6 मार्च को विधानसभा मे मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया गया। इस प्रस्तुत बजट को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री एवं जिला पंचायत कबीरधाम की सभापति भावना बोहरा ने कहा कि राज्य सरकार के घोषणा पत्र में किये गए खोखले वादों की तरह यह बजट भी खोखला है। एक बार पुनः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं को अनदेखा किया गया और बजट में उनके स्वरोजगार एवं सुरक्षा को लेकर कोई भी बड़ी घोषणा नहीं की। यह महिलाओं के प्रति राज्य सरकार की असंवेदनशीलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विगत 4 वर्षों में जिस प्रकार महिलाओं के साथ अत्याचार एवं हिंसा के मामले प्रदेश में बढ़ें हैं उसके लिए जरुरी है कि गंभीरता से विचार किया जाए उसे रोकने के लिए योजना बनाई जाए। महिलाओं के रोजगार एवं उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को लेकर भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया जो की निराशाजनक है। अपने घोषणा पत्र में उन्होंने प्रत्येक जिले में विशेष महिला सेल स्थापना करने की घोषणा की थी लेकिन विगत 5 बजट में उसे लेकर अभी तक कोई भी कार्य नहीं हुआ है।
भावना बोहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में राज्य सरकार की उदासीनता के चलते प्रदेश के लाखों परिवारों को उनका आवास नहीं मिल पाया जिसके लिए भाजपा निरंतर संघर्ष कर रही है। बजट में आवास योजना में राज्य सरकार की सहभागिता को लेकर घोषणा होने का जनता को इंतजार था लेकिन उनकी यह आस भी धराशायी हो गई। शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा पर उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार पुनः प्रदेश के युवाओं को छलने के लिए बेरोजगारी भत्ता देने की झूठी घोषणा की है। चुनाव के पूर्व उन्होंने अपने घोषणा पत्र में कई अहम व बड़ी घोषणाएं की लेकिन आज तक उनमें से कई घोषणाएं अधूरी हैं और जिन्हें पूरा करने का दवा कर रहें हैं उनकी जमीनी हकीकत से पूरे प्रदेश की जनता भलीभांति परिचित है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा तो मुख्यमंत्री जी ने कर दी लेकिन उसके पीछे उन्होंने जो पात्रता रखीं हैं उसकी भी जानकारी उन्हें सार्वजनिक रूप से बजट भाषण में करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी की अधिकतम दो वर्ष तक युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
हाथ में गंगाजल लेकर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी करने का वादा करने वाली राज्य सरकार शराब की होम डिलीवरी दे रही है। शराबबंदी को लेकर भी कोई चर्चा व घोषणा नहीं करना यह छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार छलावे को चरितार्थ करता है। बजट से हमारे प्रदेश के लाखों करोड़ों अन्नदाताओं की आस थी लेकिन उसे भी धराशायी करते हुए मुख्यमंत्री जी ने किसानों का दो वर्ष के पूर्व में धान बकाया को लेकर भी कोई घोषणा नहीं कर किसानों के अधिकारों एवं हितों का हनन किया है। युवाओं को रोजगार देने एवं स्वरोजगार के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए भी कोई अहम घोषणाएं नहीं की गई हैं। प्रदेश के युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन अतिअवाश्यक है जिससे उनके कौशल का विकास हो। युवाओं के कौशल विकास हेतु संचालित सेंटरों में पर्याप्त सुविधाएँ एवं संसाधन नहीं है जिसकी वजह से उन्हें सही मार्गदर्शन एवं ट्रेनिंग नहीं मिल रही है।
भावना बोहरा ने आगे कहा कि विगत 3-4 माह से अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठीं बहनों की पीड़ा देखकर भी मुख्यमंत्री जी का दिल नहीं पसीजा। वहीं प्रदेश के लाखों शिक्षकों द्वारा वेतन विसंगति की मांग एवं संविदाकर्मियों के नियमितीकरण को लेकर भी राज्य सरकार द्वारा बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे कई विषय है जिसे इस बजट में अनदेखा किया गया है और छत्तीसगढ़ की जनता की आकाँक्षाओं एवं उनके अधिकारों को इस बजट में छिनने का कार्य किया गया है। बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं छात्र-छात्राओं के व्यक्तिगत विकास को भी अनदेखा किया गया। आत्मानंद स्कूल खोलने की घोषणाएं तो की गई लेकिन कई विद्यालय है जहाँ न शिक्षक हैं और ना ही पर्याप्त सुविधाएँ हैं जिसके कारण छात्र-छात्राओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। शिक्षकों की कमी होने के कारण विद्यालय में ठीक से पढ़ाई नहीं हो रही है इसको लेकर विद्यालय में पर्याप्त शिक्षकों की उपलब्धता को भी बजट में अनदेखा किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं केवल जनता को छलने वाला बजट है।