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10 किमी चलकर वोट डालने जायेंगे बैगा आदिवासी मतदाता

0 मतदान केंद्र की बढ़ी दुरी खतरनाक रास्तो से जायेगें मतदाता
0 मतदान  के लिए कौन करेगा साधन का इंतजाम 
कवर्धा – सत्रहवीं लोकसभा निर्वाचन मे चुनाव का प्रचार थम गया है। राजनीतिक दल जीत के लिए हरसंभव कोशिश मे जुटा हुआ है और मतदाताओं को रिझाने मे लगा हुआ। वहीं दूसरी ओर जिला निर्वाचन अधिकारी मतदाताओं को जागरुक करने की तमाम कवायद करने जुटे रहे ताकि जिले मे शत प्रतिशत मतदान हो सके लेकिन सुरक्षा दृष्टि से जो आठ बुथो को शिफट किया गया है उसके चलते लगभग 2 हजार बैगा आदिवासी मतदाता गांव से अधिक दूरी होने के चलते मतदान से वंचित हो सकते है। निर्वाचन अधिकारी के द्वारा अब तक से इस ओर ध्यान नही दिया गया है और न ही कोई निर्देश ग्रामीणो तक पहुंचा है कि 5 से 10 किमी दूर केंद्रो तक कैसे पहुंचेगें।
उन बैगा आदिवासी की चिंता प्रशासन एवं निर्वाचन अधिकारी को क्यो नही है जो मतदान करने के लिए लगभग 10 किमी पैदल चलकर मतदान केंद्र पहुंचेगें जिला निर्वाचन अधिकारी के द्वारा 2019 का चुनाव को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक निपटाने के लिए व्यवस्था बनाया गया है इन व्यवस्थाओं में एक अव्यवस्था देखी जा रही है कि पंडरिया विधानसभा के वनांचल क्षेत्र के गांवों के मतदाता 5 से 10 किमी की दूरी तय कर अपना मतदान करने पहुंचेंगे। पंडरिया विधानसभा के ग्राम पंचायत कांदावानी के आश्रित ग्राम धूरसी,पटपरही,बांहपानी,मलिनदादर,बासाटोला ग्राम के लगभग 400 मतदाता अपने वोट का प्रयोग करने के लिए ग्राम बांगर के मतदान केन्द्र में जाकर वोट डालेंगे यदि सही परिसीमन कर लिया जाता तो ग्राम पंचायत कांदावानी के मतदाता को ग्राम पंचायत बांगर नही जाना पडता ग्राम धुरसी,पटपरही,बाहपानी,भलीनदादर,बांसाटोला के मतदाता सडक मार्ग से होते नेऊर 10 किमी पहुंचेंगे तत्पश्चात यहां से वे लगभग 12 किमी दूरी पर ग्राम बांगर में बनाये गये मतदान केन्द्र में वोट डालने जायेंगे। यह बुथ संवेदनशील है यदि उक्त ग्राम के मतदाता को ग्राम पंचायत कांदावानी में मतदान करने की व्यवस्था की जाती तो यह दूरी घट कर 4 से 5 किमी दूरी रह जाती यहां से मतदाता यदि शार्टकट रास्ता पहाडी होते हुए मतदान केन्द्र बांगर जाना चाहेंगे तो भी उन्हे 10 से 12 किमी पैदल चलकर वोट डालने के लिए जाना पडेगा
प्रशासन ने इन मतदाताओं के बारे मे नही सोचा – सुरक्षा की दृष्टि से जिन 4 मतदान केंद्रो को शिफट किया है उसके कारण मतदान केन्द्र की दूरी बढ गयी है। मसलन कांदावानी को रुखनीदादर मतदान केंद्र मे छिन्दीडीह को तेलियापानी धोबे मे बोहिल बुथ को आगरपानी मे एवं पंडरीपानी मतदान केंद्र को मजगांव मे शिफट किया गया है, लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने इन मतदाताओं को मतदान मे अधिक दूरी की वजह से आने वाले परेशानी के बारे मे नही सोचा कहीं शत् प्रतिशत मतदान का नारा सिर्फ स्लोगन बन कर ही न बन जाये प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त शिफट किये गये मतदान केंद्रो की दुरी लगभग 2 हजार मतदाताओं के लिए 5 से 10 किमी के बीच पड़ सकती है जिसके चलते अनेको आदिवासी बैगा मतदाता से दूरी के वजह से मतदान करने के लिए वंचित हो सकते है।
 उबड़ खाबड़ खतरनाक पथरीली रास्ते से पहुंचेगे मतदाता – एक ओर जहां नक्सलियों सक्रियता ने चिंता बढ़ा दी है हांलाकि इसके लिए पुलिस विभाग ने 102 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रो मे सुरक्षा के तमाम व्यवस्था पहले से कर चुकी है। वहीं दुसरी ओर बैगा आदिवासियां को मतदान के लिए कई किमी का सफर इन्ही बीहड़ पहाड़ियों के पथरीली और खाईनुमा रास्ते से होकर मतदान के लिए बुथ तक पहुंचेगें जिसकी चिंता जिलाधिकारी को करनी चाहिए और इनके लिए कोई विशेष व्यवस्था करनी चाहिए।

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