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‘‘बाल विवाह होने से पहले बाल विवाह रोकवाया गया‘‘

बेमेतरा | 17 जून 2020:- बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम जोगीपुर थाना नवागढ़ के एक परिवार में नाबालिग बालिका का विवाह किये जाने की सूचना पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी रमाकांत चंद्राकर के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती रेखा दिवान, सुरेन्द्र साहू, आउटरीच वर्कर राजू प्रसाद शर्मा, चाईल्ड लाईन बेमेतरा से केन्द्र समन्वयक दशोदी सिंह, विनोद राजपूत एवं शैलेजा गेण्डेª, पुलिस विभाग थाना नवागढ़ श्री केशव कुमार व सी0आर0टेम्बुलकर, एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रबुद्ध नागरीको की सहायता उन बालिका के निवास स्थान पर पहुॅची, उक्त विवाह स्थल पर ग्राम दुल्लापुर जिला मुंगेली से बारात पहुंच चुकी थी। वर-वधु पक्ष को समझाईश दी गई जिस पर उनके द्वारा सहर्ष ही बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की तथा बारात वापस ले जाने की बात कही गई, बालिका के परिजनों के अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।

अधिकारियों द्वारा समझाईश दिये जाने पर उन्होने उक्त बालिका का विवाह 18 वर्ष के उपरांत किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया। बालिका व परिजनों को बालक कल्याण समिति, बेमेतरा में समझाईस हेतु बुलाया गया है तथा उन्हे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका व 21 वर्ष से कम आयु का बालक का विवाह करना या करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है,तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 1 लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।



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