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मौसम आधारित कृषि सलाह

 बेमेतरा | 07 जुलाई 2020  कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के कृषि वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी भाग में कृषि जलवायु क्षेत्र के किसानों को खरीफ सीजन की तैयारी के संबंध मे सलाह दी है। इसके लिए भूमि की तैयारी खाद एवं बीजों का प्रबंध आवश्यक करें। मानसून सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में सक्रियशील हैं। कीट व्याधियों के प्रतिरोध एवं सहनशील किस्में छत्तीसगढ़ राज्य एवं विकास निगम एवं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में उपलब्ध है। इन पर पौध रोगों एवं कीटों का असर कम होता है। किसान भाई मृदा स्वास्थ्य के आधार पर ही खाद उर्वरक का उपयोग  करें। अनावश्यक रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से मृदा उर्वरक बुरी तरह से प्रभावित होती है। किसान भाइयों से अनुरोध है कि वे मेघदूत एप पर
ीजजचेरूध्ध्चसंल.हववहसम.बवउध्ेजवतमध्ंचचेध्कमजंपसे?पक=बवउ.ंे.उमहीकववज रजिस्टर करें एवं मौसम एवं खेती संबंधी जानकारी   प्राप्त करें।
सामान्य
1.छत्तीसगढ़ के अधिकांश भागों में मानसून वर्षा प्रारंभ हो चुकी हैं। अतः कृषक भाई आवश्यकतानुसार खेतों की जुताई कर खरीफ फसलों (धान, सोयाबीन, अरहर, तिल, मक्का, उड़द, मूंग, मूंगफली आदि) की बोआई करें। बोआई कतारों में करें। बोआई के पूर्व बीजों को उपचारित करें। कतार बोनी में दानेदार उर्वरक सीड ड्रिल हेतु उपयोग में लाये। वर्षा की मात्रा पर्याप्त मात्रा में हो चुकी है, इसलिए किसान भाई कृषि कार्यो को प्राथमिकता देवंे।
2.विभिन्न धान पद्धतियों में समन्वित खरपतवार प्रबंधन:- धान की उपज पर खरपतवारों के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करना अथवा कम से कम करना ही खरपतवार नियंत्रण का मुख्य उद्देश्य है। खरपतवार विरोधी वातावरण उत्पन्न करने हेतु परिस्थितियों के अनुसार एक से अधिक तरीकों जैसे दृ यांत्रिक, सस्य क्रियाओं, जैविक व रासायनिक विधियों का उपयोग लाभकारी पाया गया है (दवाओं की मात्रा सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर में दी गई है )।  
नर्सरी :- यथासंभव नर्सरी की जमीन तैयार कर सिंचाई कर दें तथा जब खरपतवार उग आयें तो जुताई द्वारा नष्ट कर देवें। तत्पश्चात भूमि तैयार कर थरहा डालने पर खरपतवारों का प्रकोप कम होता है। बतर स्थिति में थरहा डालने के 3-4 दिन के अंदर थायोबेन्कार्प 1-1.5 कि./हे. या  आक्साडायर्जिल 70-80 ग्राम/हे. सक्रिय तत्व का छिडकाव करें।
बियासी विधि:- जब फसल करीब 30-35 दिन की हो जाती हैं तथा खेतों मे 15-20 से.मी. पानी भर जाता हैं, तब खड़ी फसल में बैलचलित हल चलाकर बियासी करते हैं। इससे खरपतवार इत्यादि नष्ट हो जाते हैं। त्रिफाल बियासी यंत्र से बियासी करने मे पौधे बहुत कम फँसते हैं व कम नष्ट होते हैं। बियासी करने के बाद चलाई समान रूप से करना चाहिये।  
रोपा पद्धति:- रोपा के 25 से 30 दिन बाद पैडी वीडर दो पंक्तियो के बीच में चलाने से न सिर्फ खरपतवार नियंत्रण होता है वरन भूमि में इस समय डाले गये उर्वरक मुख्यतः नत्रजन की उपलब्धता धान के पौधे को ज्यादा मात्रा में होती हैं यदि पैडी वीडर न हो तो हाथ से निदाई करें।
बोता धान में अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन
क्रण् खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम)     डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.)     डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में)     नियंत्रित होने वाले खरपतवार

1ण् प्रेटिलाक्लोर 300 600 3-5 के अंदर अधिकतर घास कुल व चुनिन्दा चैड़ी पत्ती वाले खरपतवार।
2ण् आक्साडायर्जिल    32.0 36.0     0-3  के अंदर     अधिकतर सकरी पत्ती वाली घास जैसे- गेंगरवा, नरजवां आदि।
3ण् पायरोजोसल्फ्युरान  10ः डब्ल्यू.पी. 10.0 80.0   10-12 के अंदर     ज्यादातर चैड़ी पत्ती वाले एवं नरजवां/गेंगरवा  आदि।

रोपा धान में अंकुरण पूर्व खरपतवार प्रबंधन

क्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार

1 प्रेटिलाक्लोर 300 600 3-6  के अंदर अधिकतर घास कुल व चुनिन्दा चैड़ी पत्ती वाले खरपतवार।
2 आक्साडायर्जिल 32.0 36.0 0-3  के अंदर अधिकतर सकरी पत्ती वाली घास व स जैसे- गेंगरवा, नरजवां आदि।  
3 पायरोजोसल्फ्युरान  10ः डब्ल्यू.पी.   10.0 80.0 0-3/10-12 के अंदर ज्यादातर चैड़ी पत्ती वाले एवं नरजवां/ गेंगरवा  आदि।  
4 प्रेटिलाक्लोऱबेनसल्फ्युरान (दानेदार ) 264.0 4000 0-3  के अंदर सभी प्रकार के सकरी/ चैड़ी पत्ती एवं के अंदर पर प्रभावी नियंत्रण ।

बोता धान में अंकुरण पश्चात खरपतवार प्रबंधन
क्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार

1 बिसपायरीबैंक सोडियम 10.0 100 20-25 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले  एवं चैड़ी पत्ती वाले एवं जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा।  
2 फिनॉक्सापॉप पी-इथाइल 9.3 प्रतिशत 24.0 250.0 20-25 के अंदर सकरी पत्ती वाले घास कुल के जैसे – सावा।
3 इथाक्सीसल्फ्यूरान 6.0 50.0 15-20  के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे-  गेंगरवा नरजवां/ मोथा।
4 क्लोरिम्यूरान ़ मेटसल्फ्यूरान 1.60 8.0 15-20  के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे-  गेंगरवा नरजवां/ मोथा।  
5ण् पिनाक्सुल्म 9.0 38.0 12-18 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले  एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा।  
रोपा धान में अंकुरण पश्चात खरपतवार प्रबंधन

क्र. खरपतवारनाशी का तकनीकी नाम प्रति एकड़ सक्रिय तत्व (ग्राम) डालने की मात्रा व्यावसायिक उत्पाद (मि.ली./ग्रा.) डालने का समय (बुवाई के बाद, दिनों में) नियंत्रित होने वाले खरपतवार

1 बिसपायरीबैंक सोडियम 8-10 80-10 20-25 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले  एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा स  
2 फिनॉक्सापॉप ़इथाक्सीसल्फ्यूरान 24.0़ 6.0
250.0़ 50.0
20-25 के अंदर अधिकतर सकरी व चैड़ी पत्ती का नियंत्रण  स  
3 फिनॉक्सापॉप ़ क्लोरिम्यूरान ़ मेटसल्फ्यूरान 24.0़1.6 250़ 8.0 20-25 के अंदर अधिकतर चैड़ी पत्ती वाली जैसे-  गेंगरवा नरजवां/ मोथा।  

4 ण् पिनाक्सुल्म 9.0 38.0 12-18 के अंदर अधिकतर घास कुल के सकरी पत्ती वाले  एवं चैड़ी पत्ती वाले जैसे- मोथा/नरजवां, गेंगरवा।



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