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उद्यानिकी खरीफ फसलों का बीमा आगामी 15 जुलाई तक

कवर्धा | 07 जुलाई 2020। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में राज्य शासन एतद् द्वारा वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक के उद्यानिकी फसलों हेतु खरीफ एवं रबी मौसम में ‘‘पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना‘‘ लागू कर दी है। खरीफ मौसम में टमाटर, बैगन, अमरूद, केला, पपीता, मिर्च एवं अदरक और रबी मौसम में टमाटर, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज एवं आलू लागू है।

इस योजना में ऋणी कृषक (भू-धारक एवं बटाईदार) तथा अऋणी कृषक (भू-धारक एवं बटाईदार) लाभ ले सकते हैं। ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन (वचज.वनज) प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 07 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। एवं वर्तमान में खरीफ फसल बीमा को लेकर विभाग ने अलग से गाइड लाईन तय की है। इन सभी फसलों के जोखिम माह भी जारी किया है। इस माह के दौरान किसी भी प्रकार के अधिक वर्षा, ओलावृष्टि, अधिक तापमान, सूखा, बिमारी अनुकूल मौसम की नौबत आती है। तो फसल बीमा के अनुसार किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। बीमा के लिए अंतिम तारीख आगामी 15 जुलाई है।

खरीफ मौसम में टमाटर के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर एक लाख रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर पांच हजार रूपये निर्धारित है। इसी प्रकार बैगन के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 70 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर 3500 रूपये, अमरूद के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 70 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर 3500 रूपये, केला के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 40 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर दो हजार रूपये, पपीता के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर एक लाख 10 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर 5500 रूपये, मिर्च के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर 80 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर चार हजार रूपये और अदरक के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर एक लाख 30 हजार रूपये और कृषक अंश प्रति हेक्टेयर 6500 रूपये निर्धारित है।

इस बार ओलावृष्टि में फसल को हुए नुकसान को लेकर विभाग ने अलग से विंग का गठन किया है। ओलावृष्टि के स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कंपनी को टोल फ्री नंबर 1800-209-5959 पर या लिखित रूप में 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी, संबंधी बैंक, उद्यानिकी विभाग को बीमित फसल की ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित देगा। इसके बाद विभाग एवं बीमा कंपनी द्वारा फसल को हुए नुकसान का आकंलन किया जाएगा। उद्यान विभाग के सहायक संचालक आर.एन.पाण्डेय ने बताया कि  ‘‘खरीफ-फसल मे बीमा को लेकर अधिसूचना जारी की गई है अधिसूचना की प्रति विभागीय

वेबसाइट http://agriportal.cg.nic.in/horticulture/HortiHi/ से भी डाऊनलोड किया जा चुका है, पिछले वर्ष की तुलना में इस बार अधिक रकबा में बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है एवं लक्ष्य विभाजन कर मैदानी अमलों को भी निर्देश जारी किया गया है।‘‘



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